उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित 118 मकतब, जो दीनी तालीम देने के केंद्र हैं, अब राज्य की एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) की गहन जांच के दायरे में आ गए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने एटीएस के अनुरोध पर जिले भर के मकतबों की सूची उन्हें प्रदान कर दी है, जिससे एटीएस अब इन संस्थानों के आय स्रोतों का अध्ययन कर रही है।
मकतब और उनकी फंडिंग पर ATS की नजर क्यों?
मकतबों को दीनी तालीम केंद्र के रूप में मस्जिदों में संचालित किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई मदरसों में विदेशी फंडिंग और अन्य आर्थिक गतिविधियों को लेकर सवाल उठे हैं। इस बार एटीएस की जांच का दायरा बढ़ाते हुए, मदरसों के अलावा मकतबों की फंडिंग पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
क्या कहती है अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट?
सहारनपुर के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम के अनुसार, मदरसों की जांच के साथ-साथ अब मकतबों की फंडिंग की जांच भी शुरू कर दी गई है। एटीएस को 118 मकतबों की सूची दी गई है, जिनमें से कुछ की प्रारंभिक जांच हो चुकी है और रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कई मकतबों की आय स्रोतों में संदिग्ध गतिविधियों के संकेत मिले हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
एटीएस की जांच
मकतबों और मदरसों के आय स्रोतों की इस तरह की जांच से सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों में इन धार्मिक संस्थानों पर नजर बनाए रखने का उद्देश्य इनसे जुड़े फंडिंग के स्रोतों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इन संस्थानों के माध्यम से किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देने से रोका जा सके।
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