जब से केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की मनमानी पर रोक लगाने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक-2024 उसके बाद से तो वक्फ बोर्ड बौखला गया। उसकी बौखलाहट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो उसका जहां भी और जिस भी जमीन पर उसका मन होता है वो वहीं पर अपना दावा ठोंक देता है। फिर वो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान हो या फिर हो कर्नाटक हर जगह वक्फ बोर्ड अपना दावा ठोंकता जा रहा है। ताजा मामला तेलंगाना का है, जहां मेडचल मलकाजगिरी जिले के मलकाजगिरी में 750 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा पेश कर दिया है।
वक्फ बोर्ड की इस ओछी हरकत के बाद हजारों लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। लोग हैरान और हताश दोनों हैं कि अब तक वे जिस जमीन को अपना मानकर उस पर खेती कर रहे थे अचानक से एक दिन वक्फ बोर्ड आकर उस पर अपना दावा करने लगता है। राज्य पंजीकरण विभाग ने मलकाजगिरी की 100 से अधिक सर्वेक्षण नंबरों पर संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दिया। मलकाजगिरी जिले के डिप्टी रजिस्ट्रार श्रीकांत के अनुसार 750 एकड़ जमीनों को वक्फ बोर्ड ने अपना करार दिया है। खास बात ये कि पंजीकरण विभाग ने इसे वक्फ के नाम पर रजिस्टर भी कर दिया।
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अब लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि यह क्रूर कृत्य से कम नहीं है। लोगों का आरोप है कि ऐसा करके वक्फ उनकी जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करना चाहता है। राज्य भाजपा ने वक्फ की ओछी हरकत का जोरदार तरीके से विरोध किया है। मलकाजगिरी के मौलाली, आरटीसी कॉलोनी, शफी नगर, तिरुमाला नगर, भारत नगर, एनबीएच कॉलोनी, ईस्ट काकतीय नगर, ओल्ड सफिलगुडा, न्यू विद्यानगर, राम ब्रह्म नगर, श्री कृष्ण नगर और सीताराम नगर के इलाके वक्फ बोर्ड द्वारा दावा किए गए 750 एकड़ के भीतर आते हैं।
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कांग्रेस द्वारा दी गई असीमित शक्तियों का बेजा इस्तेमाल कर रहा वक्फ बोर्ड
गौरतलब है कि वर्ष 1954 में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड का गठन किया गया था। नरसिम्हाराव की अगुवाई वाली कांग्रेस की ही सरकार में वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां प्रदान की गई थीं। इसके बाद से तो जहां-तहां जमीनों पर वक्फ बोर्ड अपना हक जताता रहता है।
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