वाराणसी, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वाराणसी में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पूरे प्रदेश में संस्कृत छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की। कार्यक्रम में 69,195 विद्यार्थियों को 586 लाख की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। मंच से मुख्यमंत्री ने एक किशोरवय छात्रा को चेक प्रदान किया। प्रदेश में यह पहला मौका है, जब प्रथमा से लेकर आचार्य तक के विद्यार्थियों को एक साथ छात्रवृत्ति दी गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्कृत के उन्हीं विद्यालयों को सरकार अनुदान देगी जो छात्रों को नि:शुल्क अच्छा छात्रावास और भोजन उपलब्ध करायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कभी प्रयास ही नहीं हो पाया कि संस्कृत परिषद को मान्यता दिला पाएं। मैंने बार-बार समझने की कोशिश की कि संस्कृत से बच्चे दूर क्यों भाग रहे हैं ? तो पता चला कि विद्यालयों को मान्यता ही नहीं मिल पा रही है। हमने स्कूल-कॉलेजों की मान्यता बहाल कराई। जब हमारी सरकार आई तो 2017 में संस्कृत परिषद को मान्यता दिलाई। मुख्यमंत्री ने बताया कि सोमवार को 69195 छात्रों के खाते में छात्रवृत्ति आ जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब संस्कृत में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहले स्कालरशिप नहीं मिलती थी, फिर उसमें आयु सीमा जोड़ दी गई। हमने तय किया कि हर छात्र को स्कालरशिप मिलना चाहिए।
संस्कृत पर शोध करने की जरूरत
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि संस्कृत केवल देव वाणी ही नहीं है बल्कि ये भौतिक जगत की तमाम समस्याओं को वैज्ञानिक रीति से सुलझाने का माध्यम भी है। इस पर शोध करने की जरूरत है। हमने बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र बनाया है, जो भारत की प्राचीन संस्कृति पर शोध को बढ़ावा देने के लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत ने ही भारत देश को विश्वगुरु के रूप में स्थापित किया। इसके कारण ही विपरीत स्थितियों में भी हमारी सनातन संस्कृति तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए भी आज जीवित है। दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज संस्कृत, संस्कृति और भारतीय सभ्यता उठ खड़ी हुई है। समारोह की शुरुआत स्वस्तिवाचन और मंगलाचरण से हुई।
कुलपति ने क्या कहा
कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने संस्कृत के उत्थान के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की जमकर सराहना की। कुलपति ने बताया कि संस्कृत छात्रवृत्ति योजना से कक्षा 6 से स्नातकोत्तर तक के छात्रों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी, जिससे प्रदेश के संस्कृत छात्रों को पढ़ाई में सहायता मिलेगी।
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