राजस्थान

धार्मिक कार्यक्रम में उपद्रव : दुष्प्रचार करने वाले एजेंडाधारियों की अब खुलने लगी कलई

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डॉ. ईश्वर बैरागी

जयपुर । करणी विहार थाना क्षेत्र के रजनी विहार स्थित शिव मंदिर में 17 अक्टूबर की रात शरद पूर्णिमा पर चल रहे धार्मिक कार्यक्रम में उपद्रव करने वालों के बचाव में उतरे एजेंडाधारियों की कलई अब खुलने लगी है। यह गैंग सोशल मीडिया पर भ्रामक और तथ्यहीन सामग्री वायरल कर समाज में विघटन का प्रयास कर रही थी। इस गैंग में जयपुर के कई मुस्लिम पत्रकार भी शामिल हैं। हालांकि अब समाज के संभ्रांत लोगों ने भड़काने के प्रयासों का मुंहतोड़ उत्तर देना शुरू कर दिया है।

शुरूआत में एजेंडाधारियों ने इस घटना को हिन्दू विरुद्ध मुसलमान बनाने का प्रयास किया, लेकिन आरोपी नसीब सिंह चौधरी हिन्दू था। ऐसे में इनका यह कार्ड नहीं चला। बाद में इन्होंने कथित टूल किट के माध्यम आरएसएस बनाम जाट का रंग देने का भी भरसक प्रयास किया। यह अलग बात है कि इनकी यह युक्ति भी काम नहीं आई। क्योंकि आदतन अपराधी के साथ कोई सभ्य समाज खड़ा नहीं होता है।

इस प्रकरण में एडवोकेट वीरेन्द्र चौधरी बताते हैं- “कुछ एजेंडाधारी लोग माहौल खराब करना चाहते हैं। इस घटना में पूरे जाट समाज को घसीटना गलत है। समाज का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति असामाजिक तत्वों के साथ नहीं खड़ा है। जिसने गलत किया है, वह भुगतेगा। भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ भी हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।”

एजेंडाधारियों की असफल युक्ति

वास्तव में नसीब चौधरी पर कार्रवाई को एजेंडाधारी गलत बता रहे हैं। तर्क दे रहे हैं कि नसीब चौधरी निर्दोष हैं, उसे सिर्फ इसलिए फंसाया गया, क्योंकि वह जाट है। इसके अलावा कहा जा रहा है कि मंदिर में रात दस बजे तक डीजे बज रहा था। नसीब पहलवान की पत्नी ने रोका तो आरएसएस के लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की। भीड़ ने नसीब के घर पर जमकर पत्थरबाजी की तथा निहत्थे लोगों पर कायराना हमला किया गया। सोशल मीडिया पर यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि नसीब के घर को तोड़ा गया और कारों में तोड़फोड़ भी की गई। जबकि वास्तविकता यह है कि मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध निर्माण को प्रशासन ने ध्वस्त किया है।

इस संबंध में स्थानीय निवासी मूलसिंह खंगारोत कहते हैं “मंदिर में शांतिपूर्ण तरीके से भजन और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे। इसी दौरान नसीब चौधरी और अन्य साथियों ने भगोने को लात मारकर खीर फैला दी और धारदार हथियार से लोगों पर हमला कर दिया।”

कार्यक्रम में शामिल रहे एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी प्रहलाद चौधरी बताते हैं- “कुछ लोग आरएसएस को बदनाम करने का अपना सेट एजेंडा चलाने के लिए घटना को आरएसएस बनाम जाट करने की कोशिश में हैं। लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि प्रसाद को ठोकर मारने वाले के साथ कौन सनातनी खड़ा होगा। असामाजिक तत्वों की कोई जाति नहीं होती है। जाट तो मैं स्वयं भी हूं। मैं भी कार्यक्रम में था, गलत तो गलत ही होता है। कोई घर नहीं तोड़ा है, मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण था, उसे हटाया गया है। इसमें घर तोड़ने वाली बात ही नहीं है। राजनीतिक लाभ के लिए लोग इस बात को ज्यादा तूल दे रहे हैं।”

घटना की सच्चाई

मंदिर पर शरद पूर्णिमा पर समाजोत्सव के रूप में बस्ती के लोग कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी भाग लेते हैं। कार्यक्रम के बाद प्रसाद के रूप में खीर वितरित की जाती है। घटना के दिन मंदिर में कोई डीजे (साउंड सिस्टम) नहीं बज रहा था बल्कि वहां बिना डीजे के ही जागरण हो रहा था। इस पर भी नसीब चौधरी को आपत्ति थी। इसका भय इतना ज्यादा था कि मंदिर में रात आठ बजे बाद कोई घंटी नहीं बजा सकता। मंदिर में होने वाली आरती को लेकर भी वह कई बार विरोध कर चुका था। वह आए दिन श्रद्धालुओं से झगड़ता था। स्थानीय निवासियों ने इसकी कई बार शिकायत भी की थी।

कार्यक्रम में मौजूद हरेन्द्र चौधरी बताते हैं- कुछ लोग नसीब सिंह को पीडि़त बता रहे हैं, जबकि कार्यक्रम में जाट समाज के लोग भी मौजूद थे। नसीब ने हमला करते वक्त समाज देखकर हमला नहीं किया था। हरेन्द्र आगे बताते हैं- “उस दिन हम सभी मंदिर में भजन कर रहे थे। नसीब का परिवार अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मंदिर में आया। उसके हाथ में धारदार हथियार और उसके बेटे के हाथ में लट्ठ था। आते ही भगाने को लात मारकर खीर फैला दी। समझाने का प्रयास किया तो हमलाकर आठ लोगों को घायल कर दिया। इसकी सूचना हमने पुलिस को दी। सीसीटीवी फुटेज में खीर के भगोने को लात मारते और लोगों पर हमला करते हुए नसीब और उसके साथी स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।”

स्थानीय पार्षद गणेश चौधरी ने इस मामले में कहा- “मंदिर में शरद पूर्णिमा का कार्यक्रम शांतिपूर्ण चल रहा था। यह सामाजिक कार्यक्रम था। नसीब चौधरी को इसमें उपद्रव करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, उसने खीर के भगोने को लात मारी। लोगों पर धारदार हथियार से हमला किया। यह उसकी बहुत बड़ी गलती है। इसकी सजा नसीब को मिलनी ही चाहिए। जो लोग इस घटना को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, इसके माध्यम से जाट और संघ में वैमनस्य पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। इनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। इस घटना में स्थानीय निवासी कोई भी नसीब के साथ नहीं हैं।”

पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई

इस घटना से आक्रोशित लोगों ने दिल्ली-अजमेर हाईवे को जाम कर दिया। लोग करणी विहार थाने पहुंचे और प्रदर्शन किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर नसीब चौधरी, बेटा भीष्म चौधरी और पत्नी निर्मला चौधरी को गिरफ्तार किया। इसके अलावा जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने नसीब चौधरी द्वारा मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।

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