पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता जर्मनी ने बुधवार को राजधानी के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में पहले हॉकी टेस्ट मैच में भारत को 2-0 से हरा दिया। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी की वापसी बेहद निराशाजनक रही। हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय टीम पूरे मैच के दौरान बिखरी-बिखरी सी दिखी।
इस मैच में भारत को कुल 11 पेनाल्टी कॉर्नर व एक पेनाल्टी स्ट्रोक मिला, लेकिन मेजबान टीम एक बार भी विपक्षी टीम के गोल पोस्ट की तख्ती खड़का न सकी। दूसरी ओर, विश्व की नंबर दो जर्मन टीम को मात्र दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले और दोनों ही मौकों पर उन्होंने गोल दागकर दमदार अंदाज में सीरीज की शुरुआत की।
हालांकि, मैच का स्कोर लाईन वास्तव में मुकाबले की सच्चाई बयां नहीं कर पाया। सच्चाई यही थी कि भारतीय टीम ने गोल करने के अपेक्षाकृत ज्यादा मौके बनाए। लेकिन ऐन गोल करने के मौके पर लड़खड़ा जाने की आदत से उबर नहीं पायी। दूसरी ओर, जर्मनी की मिडफील्ड और रक्षापंक्ति ने अभेद दीवार की तरह मेजबान के हर दांव को पस्त किया। साथ ही गोल करने के दो सुनहरे मौके मिले और मैच के चौथे मिनट में हेनरिक मर्टजेन्स और 30वें मिनट में कप्तान लुकास विंडफेडेर ने गोल दागकर मेजबान टीम को टीस भरी हार झेलने को मजबूर किया। यह मैच अति आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरने वाली मेजबान टीम के लिए कड़वी गोली साबित हुआ, क्योंकि यह भारतीय टीम को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा।
पेरिस ओलंपिक और एशियन चैंपियनशिप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे कप्तान हरमनप्रीत आज ऑफ कलर दिखे और उनके ड्रैग फ्लिक में भी वो धार नहीं दिखी जिसके लिए वह मशहूर हैं। यही नहीं, हरमनप्रीत ने भारत को मिले एक पेनाल्टी स्ट्रोक पर भी गोल करने का सुनहरा मौका गंवा दिया जो अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में उनसे कम ही देखने को मिलता है। इसके अलावा हरमनप्रीत की जगह युवा वरुण कुमार और संजय राणा आज के मैच में ज्यादातर ड्रैग फ्लिक करते दिखे।
खैर, भारतीय टीम के पास इस हार से मिली सबक से सीख हासिल कर गुरुवार को होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में वापसी करने का मौका है। मेजबान टीम को इस बात का बखूबी अहसास हो गया है कि जर्मन टीम को हल्के तौर पर लेना कितना नुकसानदायक है।
मैच के बाद कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, “यह सच है कि हमें जर्मनी के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन हमने भविष्य के बड़े टूर्नामेंट्स को देखते हुए इस मैच में कुछ प्रयोग करने की रणनीति बनायी थी। प्रयोग के क्रम में मैच का परिणाम कई बार आपके पक्ष में नहीं आता है। हमें पूरा विश्वास है कि अगले मैच में हम जोरदार वापसी करेंगे।” हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य की एक मजबूत भारतीय टीम को तैयार करने के लिए प्रयोग का दौर जारी रहेगा।
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