कर्णावती: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ 28 अक्टूबर को वडोदरा का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वडोदरा में महत्वाकांक्षी एयरबस परियोजना का शुभारंभ करने जा रहे हैं। यह एक ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट है, जो स्वदेशी विमान निर्माण को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने दो साल पहले 30 अक्टूबर 2022 को वडोदरा में इस स्वदेशी विमान निर्माण परियोजना की आधारशिला रखी थी और अब ठीक दो साल बाद वह इस परियोजना का उद्घाटन कर रहे हैं। यह उनकी बात को एक बार फिर प्रतिबिंबित करता है की उनके नेतृत्व में सरकार जिस परियोजना की आधारशिला रखती है उसी परियोजना को उद्घाटित भी करती है। वडोदरा में टाटा एयरबस परियोजना भारतीय वायु सेना के लिए परिवहन विमान का उत्पादन करेगी और रक्षा क्षेत्र में नए विमानन की शुरुआत करेगी।
क्या है एयरबस परियोजना
गुजरात के वडोदरा में टाटा समूह के इंडिया सी295 प्रोग्राम के लिए फाइनल एसेम्बली लाइन (FAL) की आधारशिला प्रधानमंत्री ने रखी। यह इकाई विमान निर्माण और एसेम्बली का कार्य करेगी और भारतीय वायु सेना (IAF) को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस परिवहन विन्यास में मिशन के लिए तैयार विमान उपलब्ध कराएगी। सितंबर 2021 में, भारत ने भारतीय वायु सेना (IAF) के लिगेसी एवीआरओ बेड़े को बदलने के लिए 56 एयरबस सी295 विमानों के अधिग्रहण को औपचारिक रूप दिया। यह निजी क्षेत्र में पहला ‘मेक इन इंडिया’ एयरोस्पेस कार्यक्रम है, जिसमें एक संपूर्ण औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का विकास शामिल है। इसमें निर्माण से लेकर असेंबल, परीक्षण और योग्यता, डिलिवरी और विमान के संपूर्ण जीवनचक्र के दौरान रखरखाव तक का समावेश किया गया है।
संपूर्ण स्वदेशी निर्माण के साथ रोजगार सृजन
भारतीय निजी क्षेत्र में यह पहली बार होगा कि कल-पुर्जों से लेकर फाइनल एसेम्बली तक विमान (Military Aircraft) का संपूर्ण निर्माण देश में ही किया जाएगा। इस प्रोग्राम के जरिए भारत एक मजबूत निजी औद्योगिक एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की ओर बढ़ सकेगा। पूरे भारत में वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर योग्य 125 से अधिक आपूर्तिकर्ताओं के साथ, एयरोस्पेस इको-सिस्टम में 15,000 से अधिक कुशल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हो सकेगा।
सी-295 एयरक्राफ्ट की विशेषता
सी-295 एयरक्राफ्ट को सैन्य और राहत कामों के लिए भरोसेमंद विमान माना जाता है। यह एक बार में 71 सैनिकों या फिर उपकरणों के साथ 50 पैराट्रूपर्स को ले जा सकता है। इस विमान से देश के दुर्गम इलाकों में भी पहुंचा जा सकता है जहां भारी विमान नहीं उतर सकते। इससे युद्ध की स्थिति में तेजी से सैनिकों को सीमा पर पहुंचाया जा सकता है। साथ ही राहत और बचाव कार्य तथा घायलों को तुरंत निकालने के अभियानों को भी आसानी से पूरा किया जा सकता है। यह विमान समुद्री गश्त, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, अर्ली वार्निंग सिस्टम, एयर टू एयर रीफ्यूलिंग, वीआईपी ट्रांसपोर्टेशन, बचाव और राहत जैसे कामों में कारगर है। लैटेस्ट सी 295 एयरक्राफ्ट एवरो एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे जो काफी पुराने हो चुके हैं।
₹22 हजार करोड़ का निवेश
इस परियोजना में टाटा और एयरबस ने ₹22 हजार करोड़ का निवेश किया है। यह अपनी तरह का देश का पहला प्रोजेक्ट है जिसके तहत एक प्राइवेट कंपनी सेना में इस्तेमाल होने वाले विमान बनाएगी। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये होगी। सेना के लिए जरूरी उपकरणों और तकनीक की निर्भरता दूसरे देशों से कम करने में टाटा-एयरबस मदद कर रही है। इससे प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी अभियान ‘मेकइन इंडिया’ को भी बल मिल रहा है। गुजरात में बनाया गया पहला एयरक्राफ्ट सितंबर 2026 तक मिलेगा।
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए वडोदरा सज रहा है
दोनों देशों के प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए वडोदरा नगर निगम की ओर से जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। शहर की सार्वजनिक सड़को को ग्रेफीटी चित्र और लाइटिंग से सजाया जा रहा है। वडोदरा शहर की प्रमुख विशेषता एम.एस. विश्वविद्यालय, कीर्ति मंदिर, न्याय मंदिर और लक्ष्मीविलास पैलेस को आकर्षक और विशेष रोशनी से सजाया गया है और रंग-रोगन भी किया जा रहा है।
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