भारत में हिंदुओं को अपनी आस्था बचाए रखना हर दिन चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। कट्टरपंथी जब चाहे हिंदू आस्था को चोट पहुंचा देते हैं। चाहे शोभायात्रा हो या फिर मंदिर। गैर मुसलमानों के प्रति घृणा और सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश समाज कंटक करते हैं। वे भारत की मूल सांस्कृतिक पहचान पर हमला कर रहे हैं।
यह प्रकरण तेलंगाना से जुड़ा है। तेलंगाना के सिकंदराबाद में मुथ्यलम्मा मंदिर पर हमले के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करने पर पीटा गया। आखिर जब वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तब क्यों उन पर लाठियों से प्रहार हुआ ? यह प्रदर्शन क्षेत्र में लगातार हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों के खिलाफ ही तो था, क्या लोकतंत्र में अपनी बात प्रशासन के सामने शांतिपूर्ण तरीके से रखना कोई गुनाह है?
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंदिरों पर हो रहे हमलों के विरोध में तेलंगाना बंद का आह्वान किया था, क्या विहिप को यह करने का अधिकार नहीं है? सवाल है यदि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार सभी को है, तब फिर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की तरफ से हमला क्यों किया गया? आखिर वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग ही तो कर रहे थे। वे मंदिरों के प्रति बढ़ती कटुता के खिलाफ रैली ही तो कर रहे थे। यहां पहले हैदराबाद में नवरात्रि के अवसर पर देवी की प्रतिमा को आधी रात को जब आसपास कोई नहीं था तब खंडित कर दिया गया। ऐसा करने के पूर्व पहले बदमाशों ने बिजली काट दी, उसके बाद में सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए और फिर देवी दुर्गा की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया। फिर 14 अक्टूबर को सलमान सलीम ठाकुर उर्फ़ सलमान ने श्री मुथ्यलम्मा मंदिर में घुसकर मुख्य मूर्ति को अपवित्र करने का काम किया। वह मुंबई के पास मुंब्रा का निवासी है। पुलिस जांच में पता चला कि 30 वर्षीय सलमान एक महीने तक चलने वाली व्यक्तित्व विकास कार्यशाला में भाग लेने के लिए हैदराबाद आया था। 14 अक्टूबर को सुबह करीब 4:30 बजे, सलमान कुम्मारगुडा स्थित मंदिर के गर्भगृह में घुस गया और देव मूर्ति को नुकसान पहुंचाया। अब क्या हिंदू संगठनों को इसका प्रतिकार नहीं करना चाहिए?
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “पहले हिन्दू मन्दिर पर जिहादी का हमला और अब पीड़ित आस्थावान हिन्दू श्रद्धालुओं पर पुलिस की बर्बरता चिंताजनक, निंदनीय और अमानवीयता की सभी हदें पार करने वाला है। दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही जरूरी है।”
इस घटनाक्रम पर भाजपा ने पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा की है, पार्टी के विधायक राजा सिंह ने मांग की है कि उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए, जिन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर लाठीचार्ज किया। तेलंगाना भाजपा प्रवक्ता तुल्ला वीरेंद्र गौड़ ने टिप्पणी की कि कांग्रेस शासन में हिंदू और उनके मंदिर सुरक्षित नहीं हैं।
निश्चित ही यह बहुत गंभीर विषय है कि जब इस मामले में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंदिर का दौरा किया था और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की थी। उन्होंने इसे “शर्मनाक” घटना बताते हुए साफ कहा था कि देव प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाला यहां चोरी करने नहीं आया था, बल्कि हिंदू समाज का अपमान करने आया था। हैदराबाद में विभिन्न स्थानों पर ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, कुछ लोग हैदराबाद में तनाव पैदा करने और हैदराबाद में सांप्रदायिक दंगे बढ़ाने के लिए जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने राज्य की रेवंत रेड्डी सरकार से ऐसे घटित सभी मामलों में जल्दी कार्रवाई करने और दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए ही तो कहा था, जबकि सरकार आज क्या कर रही है? उल्टे यह मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों पर डंडे बरसा रही है और दूसरी तरफ श्री मुथ्यलम्मा मंदिर में घुसकर मुख्य मूर्ति को अपवित्र करने का काम जिसने किया उस सलमान सलीम को कांग्रेस सरकार जेल में बिरयानी खिला रही है! तेलंगाना में कांग्रेस की रेवंत रेड्डी सरकार का ये कैसा न्याय’ सही बात कहने वालों पर लाठी चार्ज? जबकि उसे अभी अन्य आरोपियों को पकड़ना चाहिए था!
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