नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने ने शुक्रवार को मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को नियमित जमानत दे दी है। कोर्ट ने 5 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन लंबे समय से जेल में हैं और इस मामले में जल्द ट्रायल शुरू होने की संभावना नहीं है, ऐसे में वो जमानत के हकदार हैं।
कोर्ट ने जैन को मामले में गवाहों से संपर्क करने, मुकदमे को प्रभावित करने और बिना कोर्ट की अनुमति के देश के बाहर जाने पर रोक लगा दी है। मनी लांड्रिंग मामले में उनकी जमानत की मांग की। यह दूसरी याचिका थी, जिस पर सत्येंद्र जैन को जमानत मिली। पहली जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सत्येंद्र जैन को जमानत मिलने का आदेश सुनने के बाद कोर्ट में मौजूद उनकी पत्नी पूनम जैन रो पड़ीं।
जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपित बनाया है। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 में गिरफ्तार किया था।
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