नई दिल्ली । एक महिला को अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर उसके पति ने मारपीट के बाद तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। छोटे भाई से हलाला करने पर ही वापस अपनाने की शर्त रखी। यह घटना बांदा जिले के एक मोहल्ले में हुई है।
पीड़िता का विवाह 15 दिसंबर 2017 को महोबा के फिरोज खान से हुआ था। शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए उसे प्रताड़ित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर उसे इस घर में रहना है तो उसे अपनी मां से तीन लाख रुपये और एक बाइक लाने होंगे।
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महिला के पिता की मृत्यु के बाद उसकी आर्थिक स्थिति भी खराब थी, लेकिन ससुराल वालों ने उसकी कोई बात नहीं मानी। महिला को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं। पीड़िता अपने मायके आई और अपनी मां को सारी बातें बताईं। मां ने पंचायत का समझाकर वापस भेज दिया। लेकिन ससुराल वालों ने अपनी मांगें नहीं छोड़ीं और पीड़िता को लगातार प्रताड़ित करते रहे।
महिला की एक बेटी भी है, लेकिन दहेज की मांग तब भी बंद नहीं हुईं। अंततः पति ने उसे मारकर घर से निकाल दिया। पीड़िता ने अपनी मां को फोन कर बुलाया और फिर दोनों मिलकर बांदा आईं। 17 मार्च 2024 को पंचायत में पति ने कहा कि उसने तलाक दे दिया है और अब पत्नि को उसके छोटे भाई से हलाला कराना होगा तभी वह उसे वापस रखेगा।
पीड़िता ने बांदा के एसपी से घटना की शिकायत की। जिसके बाद एसपी के आदेश पर उसके पति और उसके परिवार के छह सदस्यों के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। मामलें में मुस्लिम महिला विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम समेत अन्य धाराएं शामिल हैं।
क्या है निकाह हलाला?
इस्लाम में हलाला का मतलब है कि अगर किसी महिला को तीन तलाक दिया गया है, तो वह केवल तभी अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सकती है जब वह किसी दूसरे पुरुष से विवाह करके उससे तलाक ले ले। यह प्रक्रिया बेहद जटिल और संवेदनशील होती है क्योंकि इसमें महिला को दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाना पड़ता है।
क्या कहता है भारत का कानून?
भारत में तीन तलाक की प्रथा को 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया गया था। इसके बाद 2019 में केंद्र सरकार ने इसे दंडनीय अपराध बना दिया, जिसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। अब कोई पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोलकर छोड़ नहीं सकता।
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