महर्षि वाल्मीकि जयंती: 'रामायण' के रचयिता और खगोल शास्त्र के अद्भुत ज्ञाता
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

महर्षि वाल्मीकि जयंती: ‘रामायण’ के रचयिता और खगोल शास्त्र के अद्भुत ज्ञाता

खगोलशास्त्र पर महर्षि वाल्मीकि की पकड़ उनकी कृति'रामायण' से सिद्ध होती है। आधुनिक साफ्टवेयरों के माध्यम से यह सिद्ध हो गया है कि रामायण में दिए गए खगोलीय संदर्भ शब्दश: सही हैं।

by WEB DESK
Oct 17, 2024, 06:10 am IST
in भारत, धर्म-संस्कृति
महर्षि वाल्मीकि जयंती

महर्षि वाल्मीकि जयंती

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर संस्कृत के इस आदि कवि तथा ‘रामायण के रचियता’ के बारे में यह जान कर आपको हैरानी होगी कि महर्षि वाल्मीकि एक महान खगोलशास्त्री थे। महर्षि वाल्मिकी को शूद्र वर्ग (अनुसूचित जाति) का बताया गया है, फिर भी सीता अयोध्या से निर्वासित होने के बाद उनकी दत्तक पुत्री के रूप में उनके साथ रहीं। लव और कुश उन्हीं के आश्रम में उनके शिष्य बनकर पले-बढ़े।

खगोलशास्त्र पर महर्षि वाल्मीकि की पकड़ उनकी कृति’रामायण’ से सिद्ध होती है। आधुनिक साफ्टवेयरों के माध्यम से यह सिद्ध हो गया है कि रामायण में दिए गए खगोलीय संदर्भ शब्दश: सही हैं। भारतीय वेदों पर वैज्ञानिक शोध संस्थान की पूर्व निदेशक सुश्री सरोज बाला ने 16 साल के शोध के बाद एक पुस्तक ‘रामायण की कहानी, विज्ञान की जुबानी’ में महर्षि वाल्मीकि के दिलचस्प तथ्य उजागर किए हैं। हम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण ग्रंथ में श्रीराम के जीवन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं के समय पर आकाश में देखी गई खगोलीय स्थितियों का विस्तृत एवं क्रमानुसार वर्णन है।

नक्षत्रों व ग्रहों की वही स्थिति 25920 वर्षों से पहले नहीं देखी जा सकती है। भारतीय वेदों पर वैज्ञानिक शोध संस्थान की पूर्व निदेशक सरोज बाला ने प्लैनेटेरियम गोल्ड साफ्टवेयर 4.1 का  उपयोग किया पाया महर्षि वाल्मीकि की गणना सटीक है।

शोधकर्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि की रामायण के खगोलीय संदर्भों की सत्यता को मापने के लिए स्टेलेरियम साफ्टवयेर का भी उपयोग किया। और पाया रामायण में वर्णित ग्रहों व नक्षत्रों की स्थिति, तत्कालीन आकाशीय स्थिति व खगोल से जुड़ी सभी जानकारियां अक्षरश:सत्य थीं।

भारतीय वेदों पर वैज्ञानिक शोध संस्थान की पूर्व निदेशक सरोज बाला के अनुसार, स्काई गाइड साफ्टवेयर भी महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण ग्रंथ की क्रमिक आकाशीय दृश्यों की तिथियों का पूर्ण समर्थन करता है। प्लेनेटेरियम सिमुलेशन साफ्टवेयरों का उपयोग करते हुए रामायण के संदर्भों की इन क्रमिक खगोलीय तिथियों का पुष्टिकरण आधुनिक पुरातत्व विज्ञान, पुरावनस्पति विज्ञान, समुद्र विज्ञान, भू—विज्ञान, जलवायु विज्ञान, उपग्रह चित्रों और आनुवांशिकी अध्ययनों ने भी किया है।

महर्षि बाल्मीकि रचित रामायण में दिए गए खगोलीय संदर्भ  कितने सटीक थे, इसका उदाहरण श्री राम के जन्म के समय के ग्रहों, नक्षत्रों , राशियों के वर्णन से मिलता है। कौशल्या ने श्रीराम को जन्म दिया उस समय सूर्य, शुक्र, मंगल, शनि और बृहस्पति, ये पांच ग्रह अपने—अपने उच्च स्थान में विद्यमान थे तथा लग्न में चंद्रमा के साथ बृहस्पति
विराजमान थे।

जो वर्णन रामायण में है यदि वही डाटा साफ्टवेयर में डाला जाए तो  उसमें इन सभी खगोलीय विन्यासों को अयोध्या के अक्षांश और रेखांश —27 डिग्री उत्तर और 82 डिग्री पूर्व— से 10 जनवरी 5114 वर्ष ईसा पूर्व को दोपहर 12 से 2 बजे के बीच के समय मिलता है। सैंकडों वर्णनों को महर्षि बाल्मीकि रचित रामायण से लेकर साफ्टवेयर में डालने से पता चला है कि हर वर्णन खगोलशास्त्र की कसौटी पर खरा उतरता है।

महर्षि बाल्मीकि रचित रामायण में ऐसे कई श्लोक हैं जो बताते हैं कि जब श्रीराम वनवास के लिए अयोध्या से निकले तब उनकी आयु 25 वर्ष थी।श्री राम के वनवास के 13वें वर्ष के उत्तरार्ध में खरदूषण से युद्ध के समय के सूर्य ग्रहण का उल्लेख है।

शोधकर्ता डॉ. राम अवतार ने वनवास के दौरान श्री राम द्वारा देखे गए स्थानों पर शोध किया, और क्रमिक रूप से उन स्थानों पर गए, जैसा कि महर्षि वाल्मिकी रामायण में श्री राम द्वारा अयोध्या से शुरू होकर वह सीधे रामेश्वरम तक जाने का वर्णन है।

श्रीलंका सरकार ने सीता वाटिका को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की इच्छा व्यक्त की थी। श्रीलंकाई लोगों का मानना ​​है कि यह अशोक वाटिका थी जहां रावण ने सीता को (5076 ईसा पूर्व)।बंदी बनाकर रखा था। महर्षि वाल्मिकी रामायण में उल्लेख है कि श्री राम की सेना ने रामेश्वरम और लंका के बीच समुद्र पर एक पुल का निर्माण किया था।कुछ समय पूर्व नासा ने इंटरनेट पर एक मानव निर्मित पुल की तस्वीरें डालीं थी , जिसके खंडहर रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरूमध्य में डूबे हुए हैं।

Topics: RamayanaValmiki Jayanti kab haiवाल्मीकि रामायणखगोल शास्त्रसंस्कृतValmiki Jayanti 2024रामायणभारतीय संस्कृतिIndian Culturemaharishi valmiki jayantiमहर्षि वाल्मीकि जयंतीपाञ्चजन्य विशेषमहर्षि वाल्मीकि जयंती 2024श्री रामचंद्र
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies