नई दिल्ली । ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख और पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल ने हाल ही में एक विवादास्पद दावा किया है कि दिल्ली के संसद भवन से लेकर वसंत विहार और एयरपोर्ट तक का पूरा क्षेत्र वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बना है। इस दावे ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। अजमल ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार वक्फ बोर्ड की लगभग 9.7 लाख बीघा जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक का भी विरोध किया है और इस विधेयक को मुस्लिम समाज के हितों के खिलाफ बताया है।
अजमल के दावे और वक्फ बोर्ड की संपत्ति का मुद्दा
बदरुद्दीन अजमल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “वक्फ संपत्तियों की सूची सामने आ रही है और इसमें संसद भवन, उसके आसपास के इलाके, वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक की जमीन वक्फ की है।” उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वक्फ की जमीन मुस्लिम समाज को वापस सौंपनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह वक्फ बोर्ड की जमीनों को हड़पने की कोशिश कर रही है, जो मुस्लिम समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध
हाल ही में केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक-2024 प्रस्तुत किया था, जिसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया है। इस विधेयक का विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है, इसलिए यह विधेयक लाया गया है। इसी कारण विपक्ष ने मुसलमानों के बीच यह अफवाह फैलाई है कि वक्फ संशोधन विधेयक से उनकी संपत्तियां छीनी जा रही हैं, जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है।
विपक्ष की ओर से फैलाई जा रही गलत जानकारी
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड में सुधार करना और उसमें हो रही विसंगतियों को दूर करना है। इस संशोधन से वक्फ बोर्ड को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाएगा। इसके अलावा, पहली बार वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल किए जाने की बात कही जा रही है, जिससे बोर्ड में महिलाओं को समान प्रतिनिधित्व मिलेगा। दिल्ली हज समिति की अध्यक्ष कौसर जहां ने वक्फ बिल का समर्थन करते हुए कहा, “वक्फ बोर्ड को कुछ लोग अपने हिसाब से चला रहे हैं। इस एक्ट में संशोधन मुसलमानों के हित में है और पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए जरूरी है।”
पटना के गोविंदपुर गांव का मामला
अजमल के बयान के बाद, बिहार के पटना जिले के फतुहा के पास गोविंदपुर गांव में एक बड़ी घटना सामने आई है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस गांव को अपनी संपत्ति बताते हुए हिंदू निवासियों को गांव खाली करने का आदेश दिया है। गांव में 95 प्रतिशत हिंदू आबादी है और इसे भगवान विष्णु के नाम पर बसाया गया था। वक्फ बोर्ड का दावा है कि गांव के पीछे स्थित एक मजार के आसपास की पूरी जमीन कब्रिस्तान की है, इसलिए हिंदुओं को यह इलाका खाली करना चाहिए। इस घटना ने स्थानीय निवासियों के बीच गुस्सा और तनाव पैदा कर दिया है।
वक्फ बिल का उद्देश्य और मोदी सरकार का रुख
वक्फ बिल में संशोधन से वक्फ बोर्ड में सुधार होंगे और इसे भ्रष्टाचार और चुनिंदा लोगों के नियंत्रण से मुक्त किया जा सकेगा। दिल्ली हज कमेटी अध्यक्ष कौसर जहां ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि मुस्लिम समाज के पिछड़े वर्गों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। भाजपा की सरकार ने मुसलमानों के लिए जो सुधार किए हैं, वे ऐतिहासिक हैं और खासकर मुस्लिम महिलाओं के लिए मोदी सरकार का कार्यकाल स्वाति नक्षत्र के समान है।”
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