पन्नू के इस ऑडियो मैसेज में चंद्र आर्य को निशाना बनाया गया है। उन्हें ‘देशद्रोही’ बताते हुए माफी मांगने को कहा गया है। आतंकवादी पन्नू यहां तक बोल रहा है कि चंद्र आर्य ‘भारत सरकार के माउथपीस’ की तरह काम करते हैं। वे कनाडा में खालिस्तान के चाहने वालों के लिए गलत बातें फैलाते हैं।’ आतंकवादी पन्नू के अनुसार, ‘चंद्र आर्य को इस कृत्य के नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उनका अंत दूर नहीं है।’
कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य संसद में बोलते हैं तो फिर पूरी निडरता से बोलते हैं। आर्य ने खालिस्तानी आतंकवादियों का खुलकर विरोध किया है और उनके मंसूबों का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कनाडा में बसे भारतवंशी समुदाय की चिंताओं और अपेक्षाओं को हमेशा आवाज दी है। संभवत: इसीलिए विदेशों में पाकिस्तानी आईएसआई के कथित पैसे पर खालिस्तानी जहर उगलने वाले आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है।
आतंकवादी पन्नू ने यह धमकी एक ऑडियो मैसेज जारी किया है जिसमें सांसद चंद्र आर्य के लिए खूब जहर उगला है। यह आडियो मैसेज दो मिनट का है। इसमें वह आईएसआई का किराए का खालिस्तानी पिट्ठू चंद्र आर्य को ‘देशद्रोही’ बताने की हिमाकत कर रहा है।
पन्नू भारत का वांटेड अपराधी है और उसका संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) भारत में प्रतिबंधित है। गुरपतवंत पन्नू ने धमकी भरे अपने इस आडियो मैसेज में कहा है कि आर्य का अंत निकट है। चंद्र आर्य जिस प्रकार संसद के अंदर और बाहर पूरी बेबाकी से अपनी बात कहते हैं उससे खालिस्तानियों का चिढ़ना और भय खाना स्वाभाविक ही है। आर्य ने कनाडा में त्रूदो सरकार की कथित शह पर खालिस्तानी आतंकवाद तथा उग्रपंथ के बढ़ने की कड़ी भर्त्सना की है। पिछले दिनों आर्य ने कनाडा की संसद में पूरी दमदारी के साथ खड़े होकर वहां बसे हिंदुओं को हिंसा के शिकार बनाने को लेकर विरोध दर्ज कराया था। उनका कहना था कि इसके पीछे कोई और नहीं, सिर्फ खालिस्तानी आतंकवाद है।
अब सामने आए पन्नू के इस ऑडियो मैसेज में चंद्र आर्य को निशाना बनाया गया है। उन्हें ‘देशद्रोही’ बताते हुए माफी मांगने को कहा गया है। आतंकवादी पन्नू यहां तक बोल रहा है कि चंद्र आर्य ‘भारत सरकार के माउथपीस’ की तरह काम करते हैं। वे कनाडा में खालिस्तान के चाहने वालों के लिए गलत बातें फैलाते हैं।’ आतंकवादी पन्नू के अनुसार, ‘चंद्र आर्य को इस कृत्य के नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उनका अंत दूर नहीं है।’
हालांकि खालिस्तानी आतंकवादी सिर्फ चंद्र आर्य को ही धमकी नहीं दे रहा है। खालिस्तानियों ने पहले कनाडा में अनेक पत्रकारों पर हमले किए हैं। ग्रेटर टोरंटो सहित पूरे देश में ऐसे मामले देखने में आए हैं। चंद्र आर्य ने भी हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा की घटनाओं पर संदन में लंबा भाषण देते हुए मांग की थी कि कनाडा सरकार खालिस्तानी आतंकवादियों को गंभीरता से लगाम लगाए। इस ओर फौरन ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
अजीब बात है कि कनाडा की गुप्तचर संस्था से जुड़े लोग खुद अपने देश की सरकार को यह बता चुके हैं हालात चिंताजनक हैं, कनाडा में बसे हिंदुओं को सुरक्षा की जरूरत है, लेकिन तो भी सरकार उस ओर कान नहीं दे रही है। वैसे भी, खालिस्तानी तत्वों के प्रभाव और सहारे से चल रही त्रूदो की सरकार से भारतीयों विशेषकर हिन्दुओं के लिए चिंतित होने की उम्मीद करना बेकार है। उन्हीं तत्वों का असर है जो उन्होंने बेवजह भारत के विरुद्ध शरारती चाल चलकर राजनयिक संबंधों को तोड़ा है। खालिस्तानियों के इशारे पर ही उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त का निज्जर मामले में फंसाने की चाल चली। उच्चायुक्त संजय वर्मा को मिल रहीं धमकियों को त्रूदो सरकार ने हमेशा ही नजरअंदाज किया।
लंबे वक्त से खुद भारत सरकार कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों की बढ़ती हिंसा और भारत विरोधी कृत्यों पर प्रधानमंत्री त्रूदो को आगाह करती आ रही है। लेकिन त्रूदो अपनी कुर्सी की राजनीति के चक्कर में दो देशों के बीच संबंधों को खराब करने पर अड़े रहे। आखिरकार भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए अपने 6 राजनयिकों को उस देश से लौटाने की घोषणा कर दी और साथ ही भारत में कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त सहित कुछ 6 राजनयिकों को 19 अक्तूबर तक देश से चले जाने को कह दिया।
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