वक्फ बोर्ड की मनमानियों को खत्म करने के केंद्र सरकार के द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक लाने पर कट्टरपंथी मुस्लिमों में हड़कंप मचा हुआ है। देशभर के मुस्लिम संगठन लगातार वक्फ बोर्ड संशोधन किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद के चीफ मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ जहर उगला है।
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अरशद मदनी ने झूठ फैलाया कि वक्फ बोर्ड के नियमों में संशोधन विधेयक का इस्तेमाल करके सरकार वक्फ की संपत्तियों को हड़पना चाहती है। इसलिए उसका भांडाफोड़ करना बहुत ही आवश्यक है। मदनी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इन मामलों से निपटने के लिए अगले माह 3 नवंबर को इस पर चर्चा के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया जाना है। जमीयत का कहना है कि 1923 से 2013 तक वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के प्रभावी कदम उठाए हैं।
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83 वर्षीय बुजुर्ग मुस्लिम नेता इस्लामिक कट्टरपंथ को दरकिनार करते हुए रोना रोया कि देश में सांप्रदायिक मानसिकता तेजी से फैल रही है और मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर धकेलने की कोशिशें की जा रही हैं। कट्टरपंथी नेता ने कहा कि इस बात में किसी भी तरह का संदेह नहीं रह गया है कि भारत में फासीवाद बढ़ गया है।
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मदनी का कहना था कि वक्फ में संशोधन करके देश के मुसलमानों को भड़काने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसा करके उन्हें हाशिए पर धकेलने की कोशिशें की जा रही हैं।
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