पंजाब

VHP नेता की हत्या का मामला: आतंकी वधावा सिंह समेत 6 के खिलाफ एनआईए ने दाखिल की चार्जशीट

Published by
राकेश सैन

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकी वधावा सिंह और पांच अन्य आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। उन पर इस साल अप्रैल में पंजाब में विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या का आरोप है।

विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की 13 अप्रैल 2024 को रूपनगर जिले के नांगल में बीकेआई मॉड्यूल के आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आज दाखिल एनआईए की चार्जशीट में बब्बर के साथ-साथ दो अन्य फरार आरोपियों और तीन गिरफ्तार आरोपियों को मुख्य अपराधियों के रूप में नामित किया गया है। गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से दो की पहचान शूटर मनदीप कुमार उर्फ मंगली और सुरिंदर कुमार के रूप में हुई है, दोनों पंजाब के नवांशहर के निवासी हैं। उन पर यूए(पी) एक्ट, आईपीसी और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है।

एनआईए की चार्जशीट में तीसरे गिरफ्तार आरोपी का नाम गुरप्रीत राम उर्फ गोरा है, वह भी नवांशहर का रहने वाला है। इनपर शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। तीनों फरार आरोपी इन गिरफ्तार आरोपियों के संचालक थे। वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहे बब्बर ने नवांशहर के हरजीत सिंह उर्फ लाडी और हरियाणा के यमुनानगर के कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू के साथ मिलकर हमले के लिए हथियार, गोला-बारूद और धन आदि मुहैया कराया था। 9 मई 2024 को राज्य पुलिस से मामले को अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने घातक आतंकी हमले के पीछे बीकेआई की अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता लगाया। एनआईए की जांच के अनुसार, विभिन्न देशों में स्थित बीकेआई मॉड्यूल के कई सदस्य लक्षित हत्या को अंजाम देने के लिए एक साथ आए थे। सूत्रों के अनुसार, जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान से वाधवा सिंह ने जर्मनी स्थित नोड्स, हरजीत सिंह उर्फ लाडी और कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू को हत्या करने का निर्देश दिया था। दुबई स्थित लॉजिस्टिक्स प्रदाता और भारत स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं की भूमिका भी जांच में सामने आई है, जांच जारी है। बता दें, एनआईए की जांच में इस लक्षित हत्या के लिए बीकेआई द्वारा रची गई एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा हुआ। हमले को अंजाम देने के लिए विभिन्न देशों के सदस्यों ने सहयोग किया। एजेंसी ने 9 मई, 2024 को राज्य पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लिया। वधवा सिंह ने जर्मनी में रहने वाले हरजीत सिंह और कुलबीर सिंह को हत्या को अंजाम देने का निर्देश दिया।

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