नया बांग्लादेश वैसे तो इस समय हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर आलोचना के केंद्र में है, मगर नया बांग्लादेश असहिष्णुता के मामले में नए आयाम स्थापित करता जा रहा है। बांग्लादेश अपने पूर्वी पाकिस्तान वाले रूप को पाने की ही नहीं, बल्कि कहीं न कहीं असली पाकिस्तान बनने की होड में बहुत तेजी से लगा हुआ है, तभी वहाँ से दुर्गापूजा के अवसर पर जो चित्र आ रहे हैं, वह स्तब्ध करने वाले हैं। शेख हसीना को तानाशाह कहकर सत्ता से हटाने वाले कथित छात्र और सेना और बांग्लादेश के नए सरदार मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अब यह फैसला लिया है कि वह बांग्लादेश की नींव रखने वाले शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरों को अपने नोटों (टका) से हटाएगी। बांग्लादेश वित्त मंत्रालय एवं बांग्लादेश बैंक दोनों ने ही इस फैसले की पुष्टि की है।
dhakatribune के अनुसार नए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने यह घोषणा की है कि वह 20, 100, 500 और 1000 टका को दोबारा से डिजाइन करेगी। इसमें बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान का चित्र नहीं होगा। हर देश अपने नायकों को सम्मान देने के लिए मुद्रा में उनकी फोटो अंकित करता है। मगर नए बांग्लादेश ऐसा क्या हो रहा है कि जिस व्यक्ति ने अपनी जान पर खेलकर पाकिस्तान द्वारा उनके प्रति किए गए अत्याचारों से बचाया, अब उसे ही हर स्मृति से हटाया जा रहा है।
पहले उन स्मारकों को तोड़ा गया, जिनसे बांग्लादेश निर्माण और पाकिस्तान के अपमान के इतिहास का पता चलता था और फिर उसके बाद अपनी नई पहचान को स्थापित करने के लिए पूर्वी पाकिस्तान की पहचान की ओर ही जैसे यह मुल्क गया। जिन्ना की बरसी बांग्लादेश में मनाई गई और साथ ही जिन्ना को ही उस मुल्क का पिता माना गया। जिस बांग्लादेश का जन्म ही उर्दू थोपे जाने के विरोध में हुआ था, उसी बांग्लादेश में जिन्ना की तारीफ में उर्दू में कसीदे कसे गए और एक प्रकार से एक बड़े वर्ग द्वारा कहीं न कहीं यही प्रमाणित किया जा रहा है कि बांग्लादेश की पहचान मुजीबुर्रहमान से नहीं, बल्कि जिन्ना से है।
सूत्रों से यह भी पता चला है कि अभी केवल 20, 100, 500 और 1000 टका के नोटों की ही डिजाइन बदली जाएगी मगर अधिकारियों का यह भी कहना है कि सभी नोटों की डिजाइन को चरण-दर-चरण बदला जाएगा। 29 सितंबर को वित्त मंत्रालय ने बांग्लादेश बैंक को निर्देश देते हुए एक पत्र जारी किया था कि वह नए नोटों के लिए डिजाइन के नए प्रस्ताव भेजे। नोटों की इस नई डिजाइन को शेख हसीना सरकार के अंतर्गत मुल्क को दी गई पहचान को अलविदा करने के रूप में ही देखा जा रहा है, जिस पहचान में शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरें नोट पर होती थीं और यहाँ तक कि सिक्कों पर भी ये तस्वीरें पाई जाती थीं।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में 7000 से अधिक लोग गिरफ्तार
बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान की यादों को तो मिटाया ही जा रहा है, इसके साथ ही वहाँ पर राजनीतिक विरोधियों का दमन भी जारी है। मीडिया के अनुसार वहाँ पर पिछले एक सप्ताह में 7000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। prothomalo वेबसाइट ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में लगभग 7000 लोगों को किसी न किसी बहाने से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस वेबसाइट के अनुसार लगभग सौ लोगों को रोज ही गिरफ्तार किया जा रहा है। हालांकि यह वेबसाइट यह भी बताती है कि शेख हसीना के शासनकाल में यह संख्या 250-300 तक रोज होती थी। सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें पिछली सरकारों के मंत्री, कानून बनाने वाले, प्रभावी नेता और पूर्व सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने छात्र आंदोलन के दौरान शेख हसीना का समर्थन करते हुए सक्रिय भूमिका निभाई थी, उन्हें भी गिरफ्तार किया जा रहा है।
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