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भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता था- ‘हिज्ब-उत-तहरीर’

Published by
Mahak Singh

हाल ही में भारत सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन ‘हिज्ब-उत-तहरीर’ (एचयूटी) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह संगठन 1953 में यरुशलम में स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से दुनिया भर में इस्लामिक राष्ट्र स्थापित करना था। गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना में एचयूटी को भारत की सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा माना गया है।

एचयूटी की कट्टरपंथी विचारधारा

एचयूटी का इतिहास इसके चरमपंथी एजेंडे की पुष्टि करता है। संगठन ने हमेशा लोकतांत्रिक सरकारों को उखाड़ फेंकने और एक इस्लामी राज्य की स्थापना का आह्वान किया है। यह संगठन इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा है, और उन्हें आतंकवादी संगठनों जैसे आईएस में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है। एचयूटी की गतिविधियों में आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करना और दावत (आमंत्रण) बैठकों के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथी बनाना शामिल है।

भारत में एचयूटी की गतिविधियाँ

भारत सरकार के अनुसार, एचयूटी भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल रहा है। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने हाल ही में तमिलनाडु एचयूटी मामले में एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया था, जो अलगाववाद और असंतोष फैलाने के उद्देश्य से भारत विरोधी विचारधारा का प्रचार कर रहा था। एनआईए ने यह भी दावा किया है कि एचयूटी के सदस्य पाकिस्तान से सैन्य सहायता प्राप्त करके कश्मीर को भारत से अलग करने की साजिश रच रहे थे।

भारत ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों ने भी एचयूटी पर प्रतिबंध लगाया है। संगठन का मुख्यालय लेबनान में स्थित है और यह ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों में सक्रिय है। इसके अतिरिक्त, जर्मनी, मिस्र, और कुछ अरब और पश्चिम एशियाई देशों ने भी इस पर प्रतिबंध लगाया है। संगठन का इतिहास इजरायल और यहूदियों के खिलाफ हिंसक हमलों का समर्थन करने और जश्न मनाने का रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एचयूटी की विचारधारा नफरत और आतंक फैलाने पर आधारित है।

प्रतिबंध की आवश्यकता

भारत में एचयूटी पर प्रतिबंध लगाना सरकार के लिए आवश्यक कदम था, क्योंकि यह संगठन देश की आंतरिक सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका था। गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एचयूटी को प्रतिबंधित घोषित किया है।

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