दिवाली का संदेश है प्रकाश की अंधकार पर विजय तथा अच्छाई की बुराई पर विजय। इस साल दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। आज यह त्योहार भारत की सीमाओं को लांघकर हर उस देश में धूमधाम से मनाया जाने लगा है जहां भारतवंशी बसे हैं और जहां वे अपने अपनाए देश को अपने योगदान से समृद्ध कर रहे हैं। ब्रिटेन और अमेरिका की संसद सहित अनेक देशों के राजदूतावास अपने यहां विशेष दिवाली कार्यक्रम करते हैं।
दुनियाभर में बच्चों, खासकर बच्चियों की चहेती गुड़िया ‘बार्बी’ यूं तो पश्चिमी परिधान पहने पश्चिमी रंग—रूप में ही नजर आती रही है, लेकिन इस साल भारतीय त्योहार दिवाली पर ‘मैटल’ कंपनी की ये गुड़िया भारतीय परिधानों में, माथे पर बिंदी लगाए नजर आ रही है। ‘बार्बी’ के इस देसी रूप में ढलने के पीछे स्पष्ट तौर पर भारतीय मूल्यों और धर्म, परंपराओं और रस्मों को लेकर विश्वभर में जिज्ञासा सकारात्मकता के साथ बढ़ती जा रही है।
इस माह ‘मैटल’ ने इस गुड़िया की बिक्री शुरू भी कर दी है। और शुरूआत से ही, भारत सहित अनेक देशों में बसे भारतीयों ने इस गुड़िया को खरीदने के प्रति उत्सुकता दिखाई है। गत शु्क्रवार को ‘मैटल’ की यह पहली दिवाली गुड़िया बाजार में उतारी गई। भारत में दिवाली का त्योहार खूब धूमधाम से मनाया जाता है। लगातार पांच दिन तक घरों, मंदिरों, प्रतिष्ठानों को रोशनी से सजाया जाता है, दीपमालिका की जाती है।
उत्सवों के देश भारत में बहुसंख्यक हिन्दू यूं तो हर दूसरे दिन कोई न कोई उत्सव मनाते हैं, लेकिन उनमें भी होली, दशहरा, अहोई अष्टमी, दिवाली, जन्माष्टमी, राधाष्टमी, रामनवमी, अक्षय तृतीया, हरियाली तीज, करवा चौथ आदि विशेष धूमधाम से मनाए जाते हैं। दिवाली पर भारत में तो गली—मोहल्ले—बाजार दुल्हन की तरह सजे दिखते हैं। पूरा वातावरण एक स्फूर्तिदायक उजास से भर जाता है।
और दिवाली कोई एक दिन का त्योहार नहीं है, यह लगातार पांच दिन मनाया जाता है। नरकचौदस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के बाद जाकर दिवाली का उत्सव उतार पर आता है। पांचों दिन जगमग रोशनी और विशेष पूजानुष्ठान से वातावरण महक उठता है। दिवाली की इसी महत्ता को देखते हुए ‘मैटल’ ने अपनी पहली बार गुड़ियों की अपनी श्रृंखला को ‘दिवाली गुड़िया’ से न सिर्फ समृद्ध किया है बल्कि हिन्दू समाज को एक संकेत भी दिया है कि ‘हम भी दिवाली की महानता को स्वीकारते हैं’।
इस गुड़िया को बाजार में उतारने के वक्त ‘मैटल’ ने एक समाचार विज्ञप्ति जारी की, जिसमें कहा गया है, “विरासत के उत्सव को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता के अंतर्गत विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त भारतीय फ़ैशन डिजाइनर अनीता डोंगरे के साथ इस दिवाली गुड़िया का अनावरण कर रही है।” कंपनी ने कहा है कि वह बार्बी की दिवाली गुड़िया के माध्यम से दुनियाभर के लोगों के साथ मिलकर भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का जयगान करती है।
दिवाली गुड़िया की डिजाइनर अनीता डोंगरे का कहना है कि इस गुड़िया को बनाने में एक साल से अधिक समय लगा है, इसके लिए कई नमूने तैयार किए गए थे और अंतत: इस रूप को सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। प्राकृतिक छाप के लहंगे, सुनहरी चूड़ियों और झिलमिलाते झुमकों से सजी यह गुड़िया लोगों को लुभा रही है। ‘मैटल’ कंपनी ने इन तत्वों को ‘शक्ति और सुंदरता का प्रतीक’ बताया है।
दिवाली का संदेश है प्रकाश की अंधकार पर विजय तथा अच्छाई की बुराई पर विजय। इस साल दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। यह त्योहार अधिकांशत: अक्तूबर और नवंबर के मध्य में आता है। और आज यह त्योहार भारत की सीमाओं को लांघकर हर उस देश में धूमधाम से मनाया जाने लगा है जहां भारतवंशी बसे हैं और जहां वे अपने अपनाए देश को अपने योगदान से समृद्ध कर रहे हैं। ब्रिटेन और अमेरिका की संसद सहित अनेक देशों के राजदूतावास अपने यहां विशेष दिवाली कार्यक्रम करते हैं। इस त्योहार पर घर के सब लोग एक छत के नीचे आकर खूब आनंद करते हैं।
2022 में वाशिंगटन पोस्ट में एक लेख छपा था, जिसमें बताया गया था कि अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में लगभग 23 स्कूल जिलों ने उस साल दिवाली की छुट्टी घोषित की थी। इसके अलावा कनेक्टिकट, मैसाचुसेट्स, पेंसिल्वेनिया, मैरीलैंड तथा वर्जीनिया में भी कई स्कूलों में इस त्योहार की छुट्टी की गई थी। 2021 में, तत्कालीन सांसद कैरोलिन बी. मैलोनी ने दिवाली के दिन देशभर में अवकाश रखने संबंधी विधेयक पेश किया था।
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