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मिथुन चक्रवर्ती दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित, सपने को कभी सोने नहीं देने का दिया संदेश

Published by
Sudhir Kumar Pandey

नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रख्यात अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलवार को विज्ञान भवन में 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मिथुन चक्रवर्ती को इस सम्मानित पुरस्कार से नवाजा। इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्य मंत्री एल मुरुगन सहित निर्णायक मंडल के अध्यक्ष मौजूद रहे।

मिथुन चक्रवर्ती ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए सभी प्रशंसकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि युवा कलाकारों को कभी भी अपने सपने को सोने नहीं देना चाहिए क्योंकि सपने देखने से ही उसे पूरा करने का हौसला आता है। खासकर जिन लोगों के पास टैलेंट हैं, लेकिन उन्हें आर्थिक स्थिति के कारण सोचना पड़ता है। ऐसे हुनरमंद लोगों को कभी हार नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस मंच पर तीन बार पहले भी आ चुके हैं, लेकिन दादा साहेब फाल्के पुरस्कार ने उनके सारे गिले शिकवे को खत्म कर दिया है।

पहले राष्ट्रीय पुरस्कार की यादें ताजा करते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि जीवन में उन्हें हर कदम पर संघर्ष करना पड़ा है। कई मुश्किलें आईं लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और न ही अपने सपने को सोने दिया। उन्होंने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में रंग काला होने के कारण उन्हें बहुत ताने सुनने पड़े इसलिए उन्होंने पैरों से डांस करने को अपना अंदाज बना लिया। इस तरह फिल्मों में उनका एक अलग मकाम स्थापित हो गया। उन्होंने अपने पहले राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड का जिक्र करते हुए कहा कि पुरस्कार मिलने के बाद उनका अंदाज बदल गया था लेकिन वे जल्दी ही संभले और जीवन में संघर्ष करते गए। कामयाबी को भी उनके पास आना पड़ा।

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