एक्सक्लूसिवनेस नहीं, संवेदनशीलता बने भारत की पत्रकारिता का मूल्य : डॉ. विकास दवे
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत मध्य प्रदेश

एक्सक्लूसिवनेस नहीं, संवेदनशीलता बने भारत की पत्रकारिता का मूल्य : डॉ. विकास दवे

विश्व संवाद केंद्र में मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी की 105वीं जयंती पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

by WEB DESK
Oct 8, 2024, 08:22 pm IST
in मध्य प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भोपाल । भारत की पत्रकारिता एक्सलूसिव के आधार पर नहीं, संवेदनशीलता के आधार पर चलती है। यह दुर्भाग्यजनक है कि हमने पत्रकारिता में पश्चिम की अवधारणा को जैसा का तैसा स्वीकार कर लिया है। पत्रकारिता को लेकर जिस प्रकार के मुहावरे गढ़े गए, उन्हें भारतीय दृष्टिकोण से बदलने की आवश्यकता है। यह विचार साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने ध्येयनिष्ठ संपादक मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी की 105वीं जयंती प्रसंग पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किये। विश्व संवाद केंद्र, मध्यप्रदेश की ओर से आयोजित संगोष्ठी में ‘पत्रकारिता और अपेक्षाएं : वर्तमान परिप्रेक्ष्य’ पर वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए। संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय भी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के अध्यक्ष लाजपत आहूजा ने की।

डॉ. विकास दवे ने कहा कि हम सिखाते हैं कि पत्रकारिता प्रोफेशन नहीं, अपितु मिशन है। याद रखिये कि मिशन हमेशा पवित्र नहीं होता और प्रोफेशन हमेशा गलत नहीं होता। पत्रकार अपने वैचारिक अधिष्ठान पर दृढ़ है तो वह अपना श्रेष्ठ योगदान समाज में दे सकता है। उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर, राजेन्द्र माथुर, अभय छजलानी और मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी को हम इस रूप में नहीं जानते यदि वे विचार से निर्लिप्त होते। इन सबके अपने वैचारिक पक्ष थे। डॉ. दवे ने मामाजी के साथ अपने अनुभवों को भी साझा किया। उनका कहना है कि संघ को समझना है तो डॉ. केशव हेडगेवार को समझ लीजिए। हेडगेवार को समझ लिया तो संघ के संदर्भ में सभी प्रश्न पूरे हो जाते हैं। इसी तरह मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी के जीवन चरित्र को समझ लिया तो पत्रकारिता के सिद्धांत एवं मूल्य ध्यान आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि एआई के खतरे को कम करना है तो हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की परियोजना में अपना योगदान देना चाहिए। इंटरनेट पर भारत की ज्ञान परंपरा के वास्तविक संदर्भों से उपलब्ध कराने से एआई उसके अनुरूप साहित्य निर्मित करने में सहयोग करेगा।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय ने कहा कि पत्रकारिता आज लोकतंत्र का वह चौथा खम्बा नहीं रह गया है, जो प्रह्लाद की पुकार पर नरसिंह भगवान को प्रकट कर दे। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता खेमों में बंट गई है। पत्रकारिता के मूल्य भी आज दिखाई नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी की विचारधारा सबको पता थी, इसके बाद भी उनकी स्वीकार्यता सबके बीच थी। श्री उपाध्याय ने कहा कि आज हम इस दौर में हैं, जहां विरोधी विचार को खारिज करने की प्रवृत्ति बन गई है। यह प्रवृत्ति स्वस्थ विमर्श के लिए खतरा है। श्री उपाध्याय ने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के संदर्भ में कहा कि एआई पत्रकारिता की मौलिकता, रचनात्मकता और सृजनशीलता के लिए खतरा है। पहले जो टेक्नोलॉजी आयी थी, वह पत्रकारिता को सहयोग करनेवाली थी लेकिन अभी जो तकनीक आ रही है, वह मनुष्य का स्थान ले रही है। उन्होंने कहा कि यदि पत्रकारिता जैसे संवेदनशील क्षेत्र में मनुष्य का स्थान मशीन ले लेगी तो क्या स्थिति बनेगी, इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है। तकनीक किस बात को सत्य के रूप में स्थापित कर देगी, कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि मामाजी की पत्रकारिता के केंद्र में मनुष्य था, इसलिए उनकी पत्रकारिता में संवेदनशीलता और गहराई थी। मामाजी की कलम मशीन/तकनीक के इशारे पर नहीं चली, उनकी कलम हमारी संवेदनाओं के आधार पर चली। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के केंद्र से मनुष्य को विस्थापित होने से बचाने के लिए प्रयत्न करने होंगे। हम मनुष्य इसलिए हैं क्योंकि क्या अच्छा है और क्या बुरा, इसका विवेक हमें है।

मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी की स्मृति में दिए जाने वाले पुरस्कार को फिर से शुरू करे मध्यप्रदेश सरकार

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे विश्व संवाद केंद्र न्यास के अध्यक्ष लाजपत आहूजा ने कहा कि स्वतंत्रता से पूर्व की पत्रकारिता राष्ट्रीयता से भरी हुई थी। वहीं, स्वतंत्रता के बाद की पत्रकारिता में मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी जैसे उदाहरण दुर्लभ हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने पत्रकारिता का उपयोग करके बहुत से झूठे नैरेटिव खड़े किए। आज भी कई लोग पत्रकारिता का उपयोग करके ऐसे झूठे नैरेटिव खड़े करते हैं। अर्थात आज नैरेटिव की पत्रकारिता का समय है। इसके कारण से विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी की स्मृति में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिये जानेवाले पुरस्कार को पुनः प्रारम्भ करने का अनुरोध सरकार से किया है।

संगोष्ठी का संचालन पत्रकार सौरभ तामेश्वरी ने और आभार ज्ञापन केंद्र के सचिव लोकेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक और पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।

Topics: Madhya Pradesh Newsमध्य प्रदेश समाचारमामाजी माणिकचंद्र वाजपेयीभोपाल में विशेष व्याख्यानविश्व संवाद केंद्र भोपालMamaji Manikchandra VajpayeeSpecial lecture in BhopalVishwa Samvad Kendra Bhopal
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक चित्र

“सावधानी में सुरक्षा है”, ‘लव जिहाद’ प्रकरणों काे लेकर मध्य प्रदेश की साइबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

कान्हा टाइगर रिजर्व की ऊंची उड़ान, बाघों का सर्वश्रेष्ठ आवास क्षेत्र बना

ईद पर गौहत्या के लिए उकसा रहा मौलाना तुरब अली, कहा- ‘गाय की कुर्बानी से सवाब मिलता है’

मोहसिन खान हिंदू लड़कियों को कुरान पढ़ने, बीफ खाने के लिए मजबूर करता, जयश्री राम बोलने पर डांटता था आरोपी

उज्जैन : लव जिहाद से बिछड़ोद में तनाव, गुस्साए ग्रामीणाें ने किया नेशनल हाईवे पर चक्काजाम

दिग्विजय सिंह

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा माैत मामले में भाई ने दर्ज कराई शिकायत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies