यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) ने, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में जाने क्यों कश्मीर के लोगों को चिन्हित करके जान से मारा जा रहा है। पाकिस्तान ही नहीं, उसके जबरन कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) के हिस्से में भी आएदिन कश्मीरी लोगों को मारा जा रहा है।
भारत के पड़ोस में जिन्ना के बनाए देश में यूं तो जम्मू कश्मीर वालों से बड़ी हमदर्दी जताई जाती है लेकिन वहां रह रहे कश्मीरियों की लगातार हत्याएं हो रही है, उस पर वहां की सरकार कान तक देने की कोशिश नहीं करती। आखिर इन घटनाओं के पीछे कौन है, दोषी कौन है, न उसके बारे में कोई खोज—खबर लेना तो दूर कोई जांच तक नहीं कराई जाती।
अभी एक आरोप लगाया है यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) ने, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में जाने क्यों कश्मीर के लोगों को चिन्हित करके जान से मारा जा रहा है। पाकिस्तान ही नहीं, उसके जबरन कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) के हिस्से में भी आएदिन कश्मीरी लोगों को मारा जा रहा है।
हैरानी की बात है कि इन हत्याओं के पीछे कौन है, इस बारे में न कोई जांच हो रही है, न ही किसी को अभी तक पकड़ा गया है। पीड़ित परिवार भी दर—दर ठोकरें खाते फिर रहे हैं, उनकी भी कोई पूछ नहीं हो रही है। पाकिस्तान अधिक्रांत कई इलाकों जैसे समाहनी, भीम्बर में रहने वाले दानिश चौधरी को पिछले दिनों पाकिस्तान में लाला मूसा नामक स्थान पर किसी अज्ञात आदमी ने तब गोली मार दी, जब वह वहां कारखाने में काम कर रहा था।
हैरान करने वाली इस घटना पर यूकेपीएनपी के प्रवक्ता नासिर अजीज खान का कहना है कि पाकिस्तान तथा उसके कब्जाए इलाकों में कश्मीर के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनकी हिफाजत गंभीर खतरे में है। केवल एक समाहनी में ऐसा नहीं हुआ है बल्कि पिछले साल से अभी तक पाकिस्तान के अनेक इलाकों में बड़ी संख्या में कश्मीरी लोग जान से गए हैं।
जेनेवा में यह विषय उठाते हुए दानिश ने यूकेपीएनपी की ओर से मांग रखी है कि इन घृणित अपराधों के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें शीघ्र गिरफ्तार किया जाना चाहिए। पता लगाना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है। उनके कृत्यों से पीड़ित हुए परिवारों को पाकिस्तान सरकार उचित मुआवजा देने की व्यवस्था करे।
इस साल मई में भी पीओजेके में बड़ी उथलपुथल देखने में आई थी जब कश्मीरियों की हत्याओं के विरोध में लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। तब प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच तीखी झड़पें हुई थीं, बाजार—सड़क बंद हुए थे और कारोबार भी ठप पड़ गया था। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में तनाव बना रहा। मुजफ्फराबाद, मीरपुर आदि स्थानों पर अव्यवस्था मची रही। समाहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुईरट्टा, तत्तापानी और हटियन बाला आदि में हड़ताल रही।
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