माइक्रोआरएनए की खोज: विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन को मिला 2024 नोबेल पुरस्कार
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माइक्रोआरएनए की खोज: विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन को मिला 2024 नोबेल पुरस्कार

जीन के कार्य को नियंत्रित करते हैं। कैंसर समेत कई बीमारियों के इलाज की उम्मीद। जानें क्या है माइक्रोआरएनए। विस्तृत में पढ़े।

by Parul
Oct 7, 2024, 06:32 pm IST
in विश्व
विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन ने की माइक्रोआरएनए की खोज।

विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन ने की माइक्रोआरएनए की खोज।

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चिकित्सा के क्षेत्र में 2024 का नोबेल पुरस्कार दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन को दिया गया है। यह पुरस्कार उन्हें माइक्रोआरएनए की खोज के लिए मिला है। माइक्रोआरएनए जीन के कार्य को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस खोज ने यह स्पष्ट किया है कि मानव जीनोम में 1,000 से अधिक माइक्रोआरएनए होते हैं।

नोबेल समिति ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एम्ब्रोस और रूवकुन की खोज ने “जीन गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए एक नया सिद्धांत” प्रस्तुत किया है। यह सिद्धांत बहुकोशीय जीवों, यहां तक की इंसानों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। एम्ब्रोस ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में और रूवकुन ने मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में अपने शोध किए हैं।

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माइक्रोआरएनए क्या है?

माइक्रोआरएनए छोटे RNA अणु होते हैं जो जीन के कार्य को नियंत्रित करते हैं। ये जीन के उत्पादन को रोकने या बढ़ाने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए कैंसर जैसी बीमारियों में जीन अधिक सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में माइक्रोआरएनए का उपयोग करके उसे नियंत्रित किया जा सकता है।

मॉलिक्यूलर ऑन्कोलॉजी की लेक्चरर डॉ. क्लेयर फ्लेचर ने कहा कि माइक्रोआरएनए दवाओं के विकास और बायोमार्कर के रूप में मददगार हो सकते हैं। उनका कहना है कि कैंसर की कोशिकाओं में एक विशेष जीन अधिक सक्रिय हो जाता है, जिसे माइक्रोआरएनए द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन ने अपने शोध में एक साधारण राउंडवर्म (C. elegans) का अध्ययन किया। उन्होंने देखा कि कैसे अलग-अलग कोशिका प्रकार विकसित होते हैं और इसके लिए कौन से जीन जिम्मेदार हैं। उनके शोध ने यह दिखाया कि माइक्रोआरएनए जीन के उत्पादन को कैसे नियंत्रित करते हैं। यह नई खोज साबित करती है कि जीन गतिविधि का नियंत्रण सिर्फ प्रोटीन उत्पादन तक नहीं है, माइक्रोआरएनए भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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माइक्रोआरएनए पर आधारित उपचार

फ्लेचर ने कहा कि अब माइक्रोआरएनए पर आधारित उपचारों के लिए परीक्षण चल रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई दवा मंजूर नहीं हुई है। उन्हें उम्मीद है कि अगले 5 से 10 साल में ये उपचार लोगों के लिए उपलब्ध होंगे।

10 दिसंबर को दिया जाएगा पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार का नकद पुरस्कार 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1 मिलियन डॉलर) है। यह पुरस्कार हर साल 10 दिसंबर को दिया जाता है। जो अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है। इस वर्ष का पुरस्कार समारोह अन्य नोबेल पुरस्कारों की घोषणाओं के साथ जारी रहेगा, जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और साहित्य शामिल हैं।

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कैंसर का मिल सकता है इलाज

इस प्रकार, विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन की खोज न केवल विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण है बल्कि यह भविष्य में चिकित्सा विज्ञान को भी नई दिशा भी प्रदान कर सकती है। उनकी खोज से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज की नई संभावनाएं खुल सकती हैं।

नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का सिलसिला जारी रहेगा। भौतिकी का पुरस्कार मंगलवार को घोषित होगा। रसायन विज्ञान का पुरस्कार बुधवार को आएगा। साहित्य का पुरस्कार गुरुवार को मिलेगा। नोबेल शांति पुरस्कार शुक्रवार को घोषित किया जाएगा। आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार 14 अक्टूबर को घोषित किया जायेगा।

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