विश्लेषण

इंडोनेशिया के गावों में बढ़ रहा सेक्स टूरिज्म: मिडल ईस्ट से आने वाले पर्यटकों से हो रहे हैं मुताह निकाह

Published by
सोनाली मिश्रा

यह कहा जाता है कि शादी दिलों का मेल होती है। शादी में एक साथ रहने का वादा किया जाता है और शादी में एक दूसरे के साथ तमाम वादे कसमें खाई जाती हैं। मगर क्या ऐसा भी होता है कि केवल मेहर की रकम के लिए निकाह हों? क्या ऐसा हो सकता है कि यह धंधा बन जाए? क्या गावों में विदेशों से और वह भी मिडल ईस्ट से केवल इसलिए लोग आए कि जिससे वे अपने जिस्म की भूख को नई नई लड़कियों के साथ शांत कर सकें?

यह सब हो रहा है इंडोनेशिया के कुछ गावों में। वहाँ पर एक बहुत ही परेशान करने वाली प्रक्रिया देखी गई है। वहाँ पर गरीब लड़कियां मेहर की रकम के बदले में अमीर पर्यटकों की कुछ दिनों की दुल्हनें बनती हैं और ऐसे एक नहीं उनके कई-कई निकाह होते हैं। क्या यह वेश्यावृत्ति नहीं है? क्या यह कानूनी है? क्या यह इस्लाम के नियमों के अनुसार है? ऐसे तमाम प्रश्न अब लोग उठा रहे हैं। जब से यह मामला सामने आया है, तब से एक नई बहस आरंभ हो गई है।

मीडिया के अनुसार, इसे “pleasure marriage” का नाम दिया गया है। अर्थात मौज मस्ती के लिए किया गया निकाह! मगर क्या केवल मौजमस्ती के लिए निकाह हो सकता है? ऐसा यहाँ पर लड़कियां अपने परिवारों का पालन-पोषण करने के लिए कर रही हैं। losangles times के अनुसार, निकाह मुताह एक इंडस्ट्री के रूप में बढ़ रहा है और इसमें तमाम दलाल, अधिकारी और रिक्रूटर है। इसमें एक लड़की की कहानी बताई गई है, जिसने बताया कि उसके कम से कम ऐसे 15 निकाह हो चुके हैं। इंडोनेशिया के पहाड़ी पुंकक क्षेत्र को मिडल ईस्ट से आने वाले पुरुष पर्यटकों के लिए जाना जाता है। यहाँ पर मिडल ईस्ट से लोग आते हैं और मुताह निकाह करते हैं, जो इसके बदले में मेहर की रकम लेती हैं। इस लड़की ने बताया कि उसका पहला ऐसा निकाह एक 50 साल के अधेड़ आदमी के साथ हुआ था, उस समय उसकी खुद की उम्र 17 साल थी।

इसे भी पढ़ें: हमास के साथ युद्ध की बरसी से ठीक एक दिन पहले इजरायल ने गाजा की मस्जिद में किया बम विस्फोट, 18 की मौत

जकार्ता के एक होटल में उसका निकाह हुआ था और उसकी बड़ी बहन उसकी अभिभावक के रूप में थी तो वहीं उसे लाने वाला एजेंट गवाह था। उस आदमी ने 850 डॉलर की मेहर की रकम दी थी और अधिकारियों ने अपना कमीशन लिया था। उसके पास आधा ही पैसा बचा था। वहाँ से वे लोग कोटा बंगा के पहाड़ों में बसे रिज़ॉर्ट में में उस आदमी के वैकैशन विला में गए थे। जहां पर वह कुछ दिन रहे। लड़की का कहना था कि जब वह शारीरिक संबंध नहीं बना रही होती थी तो वह या तो फर्श पर पोंछा लगाती थी या फिर खाना पकाती थी, टीवी देखती थी या फिर इंडोनेशिया की नौकरानी से बात कर रही होती थी। मगर अधिकांश समय वह इसके खत्म होने का इंतजार कर रही थी। पाँच दिनों के बाद वह आदमी अपने मुल्क चला गया और जाते-जाते उसे वही तीन अरबी शब्द कहता गया। “तलाक!”

पुंकक में एक कस्बे को तो अरब गाँव कहा ही जाता है। वहाँ के रेस्टोरेंट मेन्यू आदि में भी अरबी ट्रांसलेशन होता है। और जानकारों का कहना है कि जिन पर्यटकों को अस्थाई निकाह करने होते हैं, उनके लिए कोटा बंगा सबसे शानदार जगह है। यह भी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां पहले लड़कियां और युवा महिलाएं इन बातों में बीच में आगे बढ़ती थीं, तो इन दिनों दलाल इस मामले में आगे हैं। सऊदी में काम कर चुके एक ड्राइवर के हवाले से कहा गया है कि बीते कुछ वर्षों में यह धंधा इंडोनेशिया मे काफी तेजी से बढ़ा है। कुछ-कुछ दलाल तो एक महीने में 25 निकाह तक करवा रहे हैं।

एजेंट्स का कहना है कि जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था बुरी हो रही है, वैसे-वैसे उनके पास लड़कियां खुद ही काम मांगने आती हैं और मुताह निकाह की तलाश में आती हैं। जिस लड़की की कहानी पहले बताई गई है, मुताह निकाह होने से पहले उसका असली निकाह भी हो चुका था। जब वह 13 साल की थी तो उसीके गाँव के एक लड़के से उसका निकाह हुआ था। मगर वह लड़का उसे चार साल बाद छोड़कर चला गया और उसके पास एक बेटी थी और आय का कोई भी साधन नहीं था।

इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ का खतरा, 32,000 दुर्गा पूजा मंडपों में से लगभग आधे ‘खतरे में: अंसार महानिदेशक

तब उसकी बहन ने उसे मुताह निकाह के बारे में बताया और इस तरह 17 साल की उम्र में वह इस धंधे में आ गई। उसके अनुसार उसकी परिचित ही कई लड़कियां इस काम को कर रही हैं। सरकार के अनुसार इस तरह के निकाहों में जो गोपनीयता बरती जाती है, उसके कारण ऐसे निकाहों का पता लगा पाना बहुत मुश्किल होता है। एक और महिला ने कहा कि उसे अपनी इस हालत पर रोना आता है क्योंकि कोई भी किसी बूढ़े आदमी के साथ सोना नहीं चाहता है मगर वह फिर भी यह काम पैसे के लिए करती है, जिससे उसके अम्मी-अब्बू को खाना मिल सके और उसके भाई-बहन स्कूल जा सकें।

ऐसी एक नहीं कई लड़कियों की कहानी है, मगर सवाल यही है कि महिलाओं के लिए रोने वाली संस्थाओं की नजर इन महिलाओं तक क्यों नहीं आती है, जिन्हें केवल पैसे के लिए निकाह के नाम पर यह सौदा करना पड़ता है।

Share
Leave a Comment

Recent News