वक्फ बोर्ड के नियमों में संशोधन को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा उठाए गए कदम के बीच लगातार वक्फ बोर्ड संपत्तियों पर कब्जे करने में लगा हुआ है। लेकिन, अब उसके खिलाफ आवाजें भी उठ रही हैं। इसी क्रम में केरल के त्रिशूर स्थित चर्च आर्चडायोसिस ने वक्फ बोर्ड में सुधार किए जाने की वकालत की है।
कैथोलिक चर्च आर्चडायोसिस ने अपने मुखपत्र में छपे एक लेख में कहा कि मौजूदा वक्फ कानून बहुत ही क्रूर हैं। आर्च डायोसिस का कहना है कि वक्फ बोर्ड का कानून सामान्य न्याय के संवैधानिक सिद्धान्तों का उल्लंघन करता है। चर्च का आरोप है कि कांग्रेस की सरकार के दौरान 90 के दशक के दौरान मुस्लिमों को खुश करने के लिए वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिए थे। लेकिन, कैथोलिक चर्च का कहना है कि देश में धर्म निरपेक्षता के कानून के शासन के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है।
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बता दें कि वक्फ बोर्ड खुद को मिली असीमित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए वह देश में कहीं भी, किसी भी संपत्तियों पर अपना दावा पेश कर सकता है। खास बात ये है कि वक्फ बोर्ड के खिलाफ कोई सवाल भी नहीं उठा सकता है। वक्फ से जुड़े मामलों पर अदालतों का भी अधिकार नहीं होता है। इससे जुड़े मामलों में की सुनवाई स्पेशल वक्फ न्यायाधिकरणों के द्वारा की जाती है। आर्च डायोसिस ने सवाल किया है कि जब वक्फ बोर्ड एक ही पंथ के हित में कार्य करता है तो वो किस प्रकार से निष्पक्ष कैसे हो सकता है।
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बता दें कि केरल में चेराई और मुनंबम तटीय इलाकों में स्थित कुछ गांवों पर वक्फ ने अपना दावा ठोंक दिया था। इस कारण से इलाके के 600 से अधिक क्रिश्चियन परिवार खतरे में बने हुए हैं। आरोप है कि वक्फ बोर्ड देश की भौतिक संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए मनमानी कर रहा है। चर्च का कहना है कि भारत में एक कानून है, जो कि सभी पर लागू होता है।
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