बांग्लादेश में अत्याचार : अल्पसंख्यक संगठनों ने उठाई आवाज, यूनुस सरकार के सामने रखी ये आठ मांगें
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

बांग्लादेश में अत्याचार : अल्पसंख्यक संगठनों ने उठाई आवाज, यूनुस सरकार के सामने रखी ये आठ मांगें

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार बढ़ते हुए अत्याचारों के बीच बांग्लादेश के अल्पसंख्यक एक साथ आए हैं। इन सभी ने उन तमाम घटनाओं को लेकर आक्रोश व्यक्त किया गया, जो 5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अल्पसंख्यकों के साथ हुई हैं। यह पूरे विश्व ने देखा कि कैसे हिंदुओं को और मंदिरों को निशाना बनाया गया

by सोनाली मिश्रा
Oct 5, 2024, 03:56 pm IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बांग्लादेश में जहां कट्टरपंथी मजहबी संगठन इस बात को लेकर हंगामा कर रहे हैं कि हिंदुओं को उनकी दुर्गा पूजा तक न मनाने दी जाए, और लगातार अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करते जा रहे हैं तो ऐसे में वहाँ पर अल्पसंख्यक संगठनों के गठबंधन भी अपनी बात उठा रहे हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को लेकर 5 अगस्त के बाद दृष्टिकोण बदला है, उसने पूरे विश्व को हैरान कर दिया है। ऐसा नहीं था कि बांग्लादेश में पहले अल्पसंख्यक समुदाय को राजनीतिक प्रतिनिधित्व प्राप्त था, परंतु 5 अगस्त के बाद तो उन्हें जैसे हर स्थान से हटाया जा रहा है। यह ऐसा सुनियोजित जीनोसाइड है, जिसकी आवाज नहीं है, परंतु प्रभाव है।

किसी भी समुदाय का राजनीतिक प्रतिनिधित्व उसका अधिकार होता है, और वह भी तब जब कोई देश अपनी पहचान अपने मजहबी यकीन के आधार पर चुनता है। जब मुल्क ने अपनी पहचान चुन ली है तो फिर वहाँ पर रह रहे अल्पसंख्यकों के पास भी यह विकल्प होना चाहिए कि वे अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएं। ऐसा ही एक कदम वर्ष 2022 में कुछ हिंदुओं ने मिलकर बांग्लादेश सनातन पार्टी बनाई थी, कि जिससे वे पूरी तरह से अल्पसंख्यकों की आवाज को संसद में उठा सकें। यदि देश धर्मनिरपेक्ष है तो बात अलग है, परंतु धार्मिक आधार पर बने हुए मुल्क में अल्पसंख्यकों को अपनी पहचान बनाए रखने के लिए उन्हीं के बीच से प्रतिनिधत्व चाहिए ही चाहिए।

बांग्लादेश में भी वर्ष 2022 में कुछ हिंदुओं ने मिलकर बांग्लादेश सनातन पार्टी बनाई थी, मगर जिसे शेख हसीना की सरकार ने कट्टरपंथी मजहबी लोगों के दबाव में आकर इस पार्टी को मान्यता नहीं दी थी। अब वही पार्टी बांग्लादेश की यूनुस सरकार से मांग कर रही है कि उसे पहचान दी जाए और रजिस्टर किया जाए जिससे कि वह चुनावों में भाग ले सके।

मगर यह मांग उन आठ मांगों से एकदम अलग है जो अल्पसंख्यक संगठनों ने यूनुस सरकार से की है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार बढ़ते हुए अत्याचारों के बीच बांग्लादेश के अल्पसंख्यक एक साथ आए हैं। बांग्लादेश कम्बाइन्ड माइनोरिटी अलाइअन्स ने दुर्गापूजा आरंभ होने से पहले ढाका में एक विशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली में ढाका और चटगाँव से कई मंदिरों और विहारों के धार्मिक नेतृत्व ने भाग लिया था। इस रैली में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कई छात्र और साथ ही समुदाय से नेता सम्मिलित थे। इस रैली में पेशेवर लोग भी सम्मिलित थे।

इस रैली में उन तमाम घटनाओं को लेकर आक्रोश व्यक्त किया गया, जो 5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अल्पसंख्यकों के साथ हुई हैं। यह पूरे विश्व ने देखा कि कैसे हिंदुओं को और मंदिरों को निशाना बनाया गया, कैसे बौद्ध विहार तोड़े गए और जलाए गए। और इसके साथ यह भी विश्व ने देखा था कि कैसे इस पूरे जीनोसाइडल चरण को केवल एक राजनीतिक प्रतिरोध बताकर नकारने का प्रयास किया गया।

https://twitter.com/ANI/status/1842213779444015567?

अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के साथ बलात्कार किये गए, अल्पसंख्यक शिक्षकों को अपनी नौकरी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया, हत्याएं हुईं, उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा किया गया और घरों को जलाने की घटनाएं तो इतनी हैं कि शायद गिनती भी नहीं है।

इन आठ मांगों में सम्मिलित है कि अल्पसंख्यकों, विशेषकर सनातनी हिंदुओं के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाए। एक इसके लिए एक निष्पक्ष जांच आयोग का गठन किया जाए। और फ़ैक्ट ट्रैक ट्रायल आयोग बनाया जाए जिससे दोषियों को जल्दी दंड मिले और साथ ही पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास मिले।

अल्पसंख्यक सुरक्षा अधिनियम तत्काल बनाया जाए

एक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का गठन किया जाए। हिंदू धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को “हिंदू फाउंडेशन” में अपग्रेड करें। इसी तरह, बौद्ध और ईसाई धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को फाउंडेशन में अपग्रेड किया जाए और साथ ही  “संपत्ति की वसूली और संरक्षण के लिए कानून” बनाएं और “संपत्ति वापसी अधिनियम” को ठीक से लागू किया जाए।

इसके साथ ही यह भी मांग की गई कि सभी सार्वजनिक/निजी विश्वविद्यालयों, विश्वविद्यालय महाविद्यालय और हर उच्च शिक्षा संस्थान में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए “पूजा स्थल” बनाएं और हर छात्रावास में प्रार्थना कक्ष आवंटित किया जाए। इन संगठनों की मांग है कि “संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड” का आधुनिकीकरण किया जाए और फिर अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण कि शारदीय दुर्गा पूजा उत्सव पर 5 दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करें। प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय के प्रमुख धार्मिक त्योहारों के लिए आवश्यक अवकाश प्रदान किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि अभी हाल ही मे ढाका में कट्टरपंथी मजहबी संगठनों ने यह मांग करते हुए रैली निकाली थी कि बांग्लादेश में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं तो दुर्गापूजा पर छुट्टी क्यों देनी है और दुर्गापूजा प्रतिबंधित तक करने की मांग की गई थी।

इन्हीं सब अत्याचारों के विरुद्ध अल्पसंख्यक संगठन अपनी मांगे लेकर आगे आए हैं।

Topics: Sanatan Party BangladeshMinority Rights BangladeshBangladesh Combined Minority Allianceबांग्लादेश अल्पसंख्यक अत्याचारBangladesh minority atrocitiesबांग्लादेश दुर्गा पूजा विवादBangladesh Durga Puja controversyसनातन पार्टी बांग्लादेशअल्पसंख्यक अधिकार बांग्लादेशबांग्लादेश कम्बाइन्ड माइनोरिटी अलाइअन्स
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

‘बकरीद पर लाल सड़कों पर मौन साधने वालों को दुर्गा पूजा में दिख रहा प्रदूषण’

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर CDPHR की रिपोर्ट जारी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री स्वांत रंजन

संस्कृति रक्षक अहिल्याबाई

जल बचाओ अभियान से जुड़े विशेषज्ञ

‘सबसे बोलो, नल कम खोलो’

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies