सेंधा नमक, जिसे रॉक सॉल्ट भी कहा जाता है, अब हर घर में एक आम सामग्री बन चुका है। पहले इसका सेवन विशेष रूप से उपवास के दौरान किया जाता था, लेकिन अब इसकी लोकप्रियता बढ़ चुकी है। सेंधा नमक के न केवल चिकित्सीय गुण हैं, बल्कि इसके धार्मिक और शास्त्रीय महत्व भी हैं। खासतौर पर उपवास के दौरान इसका सेवन क्यों किया जाता है, इसके पीछे धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी दोनों कारण होते हैं।
व्रत या उपवास के दौरान खाने-पीने की चीजों में सबसे अधिक ध्यान शुद्धता पर दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सेंधा नमक को शुद्ध माना गया है क्योंकि यह किसी रासायनिक प्रक्रिया से नहीं गुजरता। इसे प्राकृतिक रूप में ही निकाला जाता है, इसलिए इसे पवित्र और शुद्ध माना जाता है।
साधारण नमक यानी टेबल सॉल्ट को घर तक पहुंचाने से पहले कई रिफाइनिंग प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, जिसमें कई केमिकल्स का उपयोग किया जाता है। जबकि सेंधा नमक पूरी तरह से प्राकृतिक होता है, जिसे सीधे खदानों से निकाला जाता है और किसी तरह की रासायनिक प्रक्रिया से नहीं गुजारा जाता। इसकी शुद्धता और प्राकृतिक गुण इसे व्रत के दौरान उपयुक्त बनाते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से, व्रत के दौरान हर चीज का शुद्ध होना आवश्यक है। शास्त्रों में सेंधा नमक का उल्लेख इसकी शुद्धता के कारण किया गया है, इसलिए व्रत में इसका सेवन करने का धार्मिक कारण भी यही है।
धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है, और इसी कारण सेंधा नमक का सेवन उपवास के दौरान शुभ माना जाता है। फलहार की तरह सेंधा नमक भी प्राकृतिक है, इसलिए इसे व्रत में शामिल किया जाता है। इसके उपयोग से व्रत रखने वाले व्यक्ति की पाचन शक्ति और ऊर्जा बनी रहती है।
व्रत के दौरान हमारे शरीर को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए नमक का सेवन जरूरी होता है। सेंधा नमक में साधारण नमक की तुलना में अधिक खनिज तत्व होते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखने में मदद करता है।
सेंधा नमक शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करता है, जिससे शरीर में पानी और मिनरल्स का संतुलन बना रहता है। उपवास के दौरान जब हम सीमित आहार लेते हैं, तब सेंधा नमक की यह विशेषता शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में सहायक होती है।
व्रत के दौरान अक्सर हल्के और सुपाच्य भोजन का सेवन किया जाता है। सेंधा नमक पाचन तंत्र को सुचारु रूप से काम करने में मदद करता है। इसके सेवन से अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
व्रत के दौरान, शरीर को कुछ तनाव भी हो सकता है, खासकर जब लंबे समय तक भोजन का सेवन नहीं होता है। सेंधा नमक का सेवन हमारे शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे हार्मोन्स को संतुलित करता है, जो तनाव को कम करने में मदद करते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करता है।
सेंधा नमक के सेवन से वजन घटाने में भी मदद मिलती है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और अनावश्यक फैट को कम करने में सहायक होता है। इसलिए व्रत के दौरान इसका सेवन न केवल शारीरिक शुद्धि बल्कि वजन नियंत्रण के लिए भी फायदेमंद है। सेंधा नमक मुख्य रूप से पाकिस्तान के खेवड़ा क्षेत्र में पाया जाता है। भारत में हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी यह नमक निकाला जाता है।
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