नई दिल्ली । शनिवार की शाम खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बेहद खास साबित होने वाली है, क्योंकि आसमान में एक अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। सूर्य के अस्त होते ही दक्षिण-पश्चिमी आकाश में वीनस (शुक्र) और क्रिसेंट मून (हंसियाकार चंद्रमा) एक साथ बेहद करीब नजर आएंगे। यह अद्भुत खगोलीय घटना बिना टेलिस्कोप के भी खुले आसमान में देखी जा सकेगी।
नेशनल अवार्ड विजेता विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार इस समय चंद्रमा और शुक्र के बीच का अंतर मात्र पांच डिग्री से कम होगा। इस खगोलीय घटना को खगोल विज्ञान की भाषा में “एपल्स” कहा जाता है। चंद्रमा और शुक्र की यह जोड़ी लगभग 14 डिग्री ऊपर क्षितिज पर होगी और धीरे-धीरे नीचे की ओर आती जाएगी।
खगोलीय जोड़ी की चमक
इस दौरान, हंसियाकार चंद्रमा माइनस 9.9 मैग्निट्यूड से अपनी तेज चमक बिखेरता दिखाई देगा, जबकि शुक्र माइनस 4 मैग्निट्यूड की चमक के साथ आकाश में बिंदी की तरह चमकेगा। इस खूबसूरत नजारे को सूर्यास्त के बाद लगभग एक घंटे से कुछ अधिक समय तक देखा जा सकेगा। सारिका घारू ने यह भी बताया कि यह खगोलीय घटना बेहद सीमित समय तक ही दिखाई देगी, इसलिए खगोल प्रेमी इस दृश्य को देखने से न चूकें।
बिना टेलिस्कोप के भी देखें यह नजारा
सारिका ने बताया कि इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए किसी टेलिस्कोप की आवश्यकता नहीं है। यह घटना साफ मौसम में किसी भी खुले स्थान से खाली आंखों से देखी जा सकेगी। यह नजारा खास तौर पर सूर्यास्त के बाद की सिंदूरी शाम में आकाश में एक रोमांचक दृश्य पेश करेगा। शुक्र और चंद्रमा की इस नजदीकी ने खगोल विज्ञान प्रेमियों में उत्साह पैदा कर दिया है, और कई लोग इसे अपने कैमरों में कैद करने के लिए तत्पर हैं।
खगोल प्रेमियों के लिए सुनहरा मौका
इस तरह की खगोलीय घटनाएं समय-समय पर होती हैं, लेकिन हर बार इन्हें स्पष्ट रूप से देख पाना संभव नहीं हो पाता। इस बार का मौका खगोल प्रेमियों के लिए बेहद खास है, क्योंकि यह दृश्य बिना किसी उपकरण के भी आसानी से देखा जा सकेगा। सारिका घारू ने बताया कि सूर्यास्त के तुरंत बाद लगभग एक घंटे तक यह दृश्य सबसे स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
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