जहां हिंदुओं की शोभायात्रा पर पत्थरबाजी का मामला सामने आते रहते हैं, तो वहीं उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में एक अनोखा दृश्य देखने को मिलता है, जो गंगा-जमुनी तहजीब की एक बेहतरीन मिसाल है। गायघाट नगर पंचायत में पिछले 40 वर्षों से आयोजित दुर्गा पूजा में हिंदू और मुस्लिम समुदाय दोनों मिलकर भाग लेते हैं और इस अनुष्ठान का हिस्सा बनते हैं।
श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित इस समारोह में न केवल हिंदू भक्त, बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी मां दुर्गा की आराधना में शामिल होते हैं। यहां के लोग सुबह और शाम की आरती में भाग लेते हैं और पूजा के दौरान मां के चरणों में प्रसाद चढ़ाते हैं। यह नजारा उस समय और भी खास हो जाता है जब मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुओं के साथ मिलकर आरती करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार करीब 40 साल पहले बंगाल से दुर्गा प्रतिमा लेकर आए थे, तब से इस क्षेत्र में दुर्गा पूजा की यह परंपरा लगातार जारी है। मूर्ति स्थापना से लेकर पूजा और आरती तक, हर गतिविधि में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। वे न केवल सहयोग करते हैं बल्कि धन दान करने और पूजा अनुष्ठान में भी सक्रिय रहते हैं।
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