कर्नाटक में पाकिस्तानी नागरिकों के मिलने की घटनाएं हैं कि थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। एक बार फिर से बेंगलुरू पुलिस ने पीन्या में तीन संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो कि अपनी असली पहचान छिपाकर वहां रह रहे थे। पाकिस्तानी दंपत्ति 8 साल पहले ही अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ करके आया था।
भारत आने के बाद वो अपने परिवार के साथ केरल के कोच्च में आकर बस गया। उल्लेखनीय है कि केरल में वामपंथी सरकार की तुष्टिकरण के कारण उसे वहां पर अनुकूल माहौल मिला। इसका फायदा उठाते हुए घुसपैठियों ने वहीं पर हिन्दू नाम से अपने आधार कार्ड, वोटर कार्ड और पासपोर्ट बनवा लिए। इसके बाद 4 साल पहले वो अपनी बीवी और बेटी के साथ बेंगलुरू आकर बस गया। पकड़े गए घुसपैठिए की पहचान तारिक सैयद (53) और उसकी बीवी 48 वर्षीय अनीला के तौर पर हुई है। इसके साथ ही उनकी एक 17 वर्षीय बेटी भी है, जिसका नाम स्पष्ट नहीं है।
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क्या करता है तारिक
रिपोर्ट के मुताबिक, तारिक भारत आने के बाद एक इस्लामिक उपदेशक बन गया। वो यूट्यूब पर इस्लाम को लेकर अपना ज्ञान देता है। पता चला है कि अल्ताफ नाम के एक मुस्लिम आरोपी अपने हिसाब से स्पीच देने के लिए मदद करता था।
मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल है कॉमन प्वाइंट
उल्लेखनीय है कि तारिक सैयद को भारत में लाकर उसे अवैध तरीके से यहां बसाने के मामले में मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल ने मदद की थी। वह तारिक सैयद को अपने हिसाब से इस्लामिक उपदेश देने के लिए प्रति माह 25000 रुपए का भी भुगतान करता है। खास बात ये है कि कुछ दिनों पहले भी बेंगलुरु पुलिस ने शर्मा बनकर शहर में रह रहे पांच पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। उसे भी भारत में अवैध रूप से बसाने में मेहदी फाउंडेशन के ही हाथ था।
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अवैध घुसपैठियों को भारत में बसाने के मामले में मेहदी फाउंडेशन एक कॉमन प्वाइंट बनकर उभर रहा है।
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