महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हाल ही में प्रकाशित अपनी आत्मकथा ‘फाइव डेकेड्स इन पॉलिटिक्स’ में छुआछूत का जिक्र करते हुए वीर सावरकर के काम की सराहना की। साथ ही कांग्रेस को अपनी विचारधारा में सुधार करने की जरूरत पर बल दिया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके शिंदे ने कहा, “वीर सावरकर का मुख्य प्रयास छुआछूत और जातिवाद को समाप्त करना था। वह एक वैज्ञानिक थे और सावरकर की सोच एक चुनौती है। कांग्रेस को अपनी सोच बदलने की जरूरत है।”
आत्मकथा में सुशील शिंदे ने आगे लिखा है- मेरे मन में सावरकर के प्रति अत्यंत सम्मान है। इसलिए वर्ष 1983 में मैं नागपुर में स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की प्रतिमा के कार्यक्रम में शामिल हुआ। मैं सावरकर के समर्थन वाले मुद्दों पर अडिग रहा। उन्होंने छुआछूत और जातिवाद को खत्म करने के लिए बहुत प्रयास किये। चूंकि मैं स्वयं पिछड़े वर्ग से हूं, इसलिए सावरकर के प्रयासों का विशेष महत्व महसूस करता हूं। सावरकर के मुद्दे पर आते हुए मुझे आश्चर्य है कि उनकी हिंदुत्व विचारधारा पर इतना जोर क्यों दिया जाता है। क्योंकि उनके व्यक्तित्व के कई पहलू हैं।
उन्होंने सावरकर की प्रशंसा करते हुए यह भी लिखा कि क्या हम सावरकर में दार्शनिक और वैज्ञानिक नहीं देख सकते? सावरकर वास्तविक सामाजिक, समानता और दलितों के उद्धार के लिए खड़े थे।
वीर सावरकर को लेकर राहुल गांधी कई बार बीजेपी और आरएसएस पर बेतुके बयान दे चुके हैं। ऐसे में शिंदे की आत्मकथा में सावरकर की प्रशंसा से कांग्रेस चौतरफा घिर चुकी है।
इससे पहले पिछले महीने शिंदे ने अपनी किताब ‘फाइव डेकेड्स ऑफ पॉलिटिक्स’ के विमोचन के मौके पर भी कांग्रेस शासन में जम्मू-कश्मीर में कितना भयावह मंजर था इसका खुलासा किया था। उन्होंने कहा था, “गृहमंत्री बनने से पहले मैं विजय धर (शिक्षाविद) के पास मिलने जाता था और उनसे सलाह भी मांगता था। उन्होंने मुझे ऐसी असली सलाह दी कि सुशील तू इधर-उधर मत भटक। लाल चौक में जाकर घूमना नहीं, बल्कि कुछ लोगों से मिल और डल झील में घूमते चलो। उस सलाह से मुझे बहुत पब्लिसिटी मिली और लोगों में संदेश गया कि एक ऐसा होम मिनिस्टर है, जो बिना डर के जाता है, लेकिन असल में लाल चौक पर जाने से … थी, ये मैं किसे बताऊं।”
कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू ने क्या कहा
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर बेहद विवादास्पद बयान दिया था। राव ने कहा कि दामोदर, जो एक चितपावन ब्राह्मण थे मांस खाते थे और गायों की हत्या के खिलाफ नहीं थे। उनके इस बयान की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना ने कड़ी निंदा की।
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