हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिर से साईं की प्रतिमा को हटाया जा रहा है। वाराणसी के लगभग 10 मंदिरों से साईं की प्रतिमा को हटाया जा चुका है। कुछ हिंदूवादी मंदिर साईं की प्रतिमा का विरोध कर रहे हैं। वाराणसी में सनातन रक्षक दल की ओर से हिन्दुओं के मंदिर से साईं की प्रतिमा को हटाये जाने के लिए मंदिर की प्रबंधक समिति से सहमति ली जा रही है।
इसके बाद मंदिर से साईं की प्रतिमा को हटवाया जा रहा है। वाराणसी के बाद अब लखनऊ में भी हिन्दुओं के मंदिरों से साईं की प्रतिमा को हटवाने की शुरुआत हो चुकी है। सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा है कि मंदिर प्रबंधन की सहमति के बाद प्रतिमाओं को हटाया जा रहा है। किसी की आस्था का अनादर नहीं किया जा रहा है और न ही साईं की प्रतिमा के प्रति कोई दुर्भावना है।
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हिंदू लोग सभी के प्रति आदर का भाव रहते हैं। जिन लोगों को साईं की पूजा करनी हो। उन लोगों को चाहिए की साईं का एक अलग से मंदिर बनवा लें। मगर सनातन धर्मावलम्बियों के मंदिर में साईं की प्रतिमा का कोई स्थान नहीं है। वाराणसी में बड़ा गणेश मंदिर से पहले पुरुषोत्तम मंदिर सहित शहर के 10 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाई जा चुकी है। अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से भी जल्द ही साईं की प्रतिमा हटाए जाने के लिए वहां की प्रबंधक समिति से बातचीत चल रही है। सनातन रक्षक दल के इस अभियान को देखते हुए कुछ मंदिरों में साईं की प्रतिमाओं को सफेद कपड़े से लपेट दिया गया।
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वाराणसी के बाद अब लखनऊ में भी साईं की प्रतिमा हटाए जाने की मांग चल रही है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने राजधानी के मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाये जाने की मांग की है। लखनऊ में भी मंदिर की प्रबंधक समिति से बात-चीत करके साईं की प्रतिमा को हटवाया जा रहा है। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की तरफ से कहा गया है कि हिन्दुओं के मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटाया जाना चाहिए। मंदिर की प्रबंधक समिति से इसके लिए सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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