माओवादी अक्सर जंगलों में अंधाधुंध फायरिंग करते हैं। हालांकि वे कहते हैं कि पुलिसबलों की मौजूदगी की आशंका के कारण ऐसा करते हैं। लेकिन सच यह है कि ग्रामीणों के मन में अपनी दहशत कायम रखने के लिए नक्सली ऐसे हथकंडे अपनाते रहते हैं।
ऐसे ही एक उपक्रम में कांकेर जिले के कामतेड़ा के जंगलों में 19 जून, 2017 को नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। नक्सलियों की गोली का शिकार मानसिंह नामक एक नाबालिग हुआ।
मानसिंह अब 20 वर्ष का है। उस घटना को याद कर मानसिंह ने बताया कि दोपहर का समय था। वह जंगल के रास्ते से गुजर रहा था, तभी अचानक गोलियों की बौछार हुई। एक गोली उसकी कमर में धंस गई। हालांकि इलाज के बाद मानसिंह ठीक तो हो गया, लेकिन अब वह पहले की तरह चल-फिर नहीं सकता।
नक्सलियों की सनक का शिकार अकेला रामसिंह ही नहीं है। बेवजह नक्सलियों ने कई लोगों को अपना निशाना बनाया, जिसमें उनकी मौत हो गई।
टिप्पणियाँ