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इस्राएली PM Netanyahu के एक बयान से Iran की बोलती हुई बंद, 183 ईरानी मिसाइलों के हमले में मरा तो बस एक फिलिस्तीनी

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WEB DESK

190 बैलिस्टिक मिसाइलों की धमक से ईरान के नेता फूले नहीं समा रहे थे, तेहरान को ‘बदला ले लिया’ जैसे नारों से गुंजाया हुआ था। लेकिन नेत्यनाहू का एक बयान ईरान में खामोशी बरपा गया


दो दिन पहले ईरान ने अचानक इस्राएल पर जो मिसाइलें दागी थीं, उनमें से अधिकांश इस्राएल की प्रतिरक्षा ने बेअसर कर दी थीं। इसमें इस्राएल का एक भी नागरिक नहीं मारा गया और न ही कोई बड़ा नुकसान हुआ। लेकिन ईरान का इसमें कहीं ज्यादा नुकसान होता दिख रहा है, क्योंकि इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यनाहू के बार बार समझाने के बाद भी ईरान ने यह चोट करके आहत इस्राएल का रुख अपनी ओर मोड़ा है, जिसका मजा चखाने की बात नेत्यनाहू कह ही चुके हैं।

ईरान की दागी लगभग 190 बैलिस्टिक मिसाइलों की धमक से ईरान के नेता फूले नहीं समा रहे थे, उनके बोल और तीखे हो गए थे, और तेहरान को उन्होंने ‘बदला ले लिया’ जैसे नारों से गुंजाया हुआ था। लेकिन कल नेत्यनाहू का यह बयान तेहरान में खामोशी बरपा गया जिसमें उन्होंने कहा कि मिसाइलों को बेअसर कर दिया गया था और इसमें मारा भी गया तो बस ​गाजा में एक फिलिस्तीनी।

बेशक, ईरान के द्वारा मनाव बढ़ाने के उद्देश्य को गंभीरता से लेते हुए इस्राएली प्रधानमंत्री का एक्शन मोड में आना स्वाभाविक ही था। नेतन्याहू ने साफ कहा है कि मिसाइलें दागकर ईरान ने भारी गलती की है जिसकी उससे पूरी कीमत वसूली जाएगी। क्योंकि इस्राएल का रिकार्ड रहा है कि उस पर हमला करके कोई बिना चोट खाए रह ही नहीं सकता।

ईरान के संदर्भ में यरुशलेम में हुई सुरक्षा बैठक में बड़े निर्णय लिए गए हैं। इस बैठक में खुद नेतन्याहू मौजूद थे। उन्होंने जानकारी दी की ईरान का ताजा हमला पूरी तरह निष्फल बना दिया गया। नेत्यनाहू ने बताया कि उनकी वायु प्रतिरक्षा प्रणाली ने ईरान के शैतानी मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। इस्राएल को खास नुकसान नहीं पहुंचा। इस बैठक में नेतन्याहू ने अमेरिका को भी धन्यवाद दिया कि मौके पर मदद का हाथ बढ़ाया।

अपने देश की सुरक्षा और इस्लामी जिहादियों को जड़ से उखाड़ फैंकने का संकल्पबद्ध नेतन्याहू ने ईरान के नेताओं को चेता दिया है। उन्होंने कहा है कि हमास के सरगना याह्या सिनवार तथा हमास के फौजी कमांडर मोहम्मद दाइफ को समझ में नहीं आया कि और न ही हिजबुल्लाह का नेता हसन नसरल्लाह तथा हिजबुल्लाह का फौजी सरगना फुआद ही समझ पाया था कि इस्राएल क्या कर सकता है। ऐसा ही भुलावा शायद तेहरान में बैठे नेताओं को भी है। लेकिन हम ऐसी मार मारेंगे कि सबको समझ आ जाएगा कि हम पर चोट करने वाला उसका बुरा नतीजा भुगतता है।

इस मौके पर नेतन्याहू ने अमेरिका ही नहीं विश्व के सभी सभ्य देशों से जिहादियों और ईरान के विरुद्ध साथ आने को कहा है। इस परिस्थिति में इस्राएल का साथ देने को कहा है। गाजा, वेस्ट बैंक, यमन, लेबनान, ईरान और सीरिया को नेत्यनाहू शैतान की धुरी बताते हैं। नेत्यनाहू कहते हैं कि इसी शैतानी धुरी का दमन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हुए हैं।

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