सुकमा जिले के चिंतागुफा गांव के रहने वाले सोड़ी राहुल 31 वर्ष के हैं। उनका परिवार खेती-किसानी करता है। उनके पास अपनी जमीन है और यही पूरे परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन है। 14 नवंबर, 2008 की बात है। राहुल का पूरा परिवार सुबह लगभग 7-7:30 बजे धान की फसल काटने के लिए खेत गया था।
वहां कुछ देर काम करने के बाद भाभी ने राहुल को मवेशियों को चराने के लिए भेज दिया। चूंकि जंगल में मवेशियों के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध था, इसलिए सुबह 10 बजे 26 वर्षीय राहुल अपने मवेशियों को लेकर जंगल जाने के लिए निकले।
वह बताते हैं कि रास्ते में उनका पैर एक खेत की मेड़ पर माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी पर पड़ गया। तेज धमाके के साथ राहुल का दाहिना पैर घुटने से अलग हो गया। उनकी दोनों आंखें भी चोटिल हुईं।
दोपहर को गांव के ही एक व्यक्ति ने खेत में काम कर रहे राहुल के परिजनों को सूचना दी कि उनका बेटा जंगल के पास खेत में लहूलुहान पड़ा हुआ है। उसने परिजनों को यह भी बताया कि संभवत: राहुल आईईडी की चपेट में आ गए हैं।
सूचना मिलते ही परिजन घटनास्थल की ओर भागे। राहुल की नई-नई शादी हुई थी। लेकिन विस्फोट में एक पैर और दोनों आंखें गंवा देने के बाद पत्नी उन्हें छोड़ कर चली गई। अब राहुल पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हैं।
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