पंजाब के सीमावर्ती गांव फाजिल्का नगर से 7 किलोमीटर दूर सीमवर्ती गांव आसफवाला में 1971 के भारत-पाक युद्ध में बलिदान हुए 232 वीर सैनिकों की स्मृति में भव्य स्मारक बना हुआ है। 1972 में निर्मित इस स्मारक में 5 दशक से अधिक समय से प्रतिवर्ष श्राद्ध के अवसर पर बलिदानियों का सामूहिक श्राद्ध 4 जाट रेजिमेंट के धर्म गुरु तथा टुकड़ी के सदस्यों द्वारा बलिदानियों की समाधि कमेटी आसफवाला फाजिल्का के साथ सांझे तौर पर अत्यंत श्रद्धा के साथ बलिदानियों के स्मरण कर उन्हें नमन किया जाता है।
आज बलिदानी स्मारक पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में 2500 किलोमीटर की दूरी पर चीन की सीमा के साथ लगते अरुणाचल प्रदेश में तैनात 4 जाट रेजिमेंट के धर्म गुरु दीपक शर्मा तथा उनके साथ सैनिक रोहताश, राम कुमार, रणबीर, राहुल रघुवंशी तथा कोशिंदर भी इस अवसर पर बलिदानियों की समाधि कमेटी के प्रबंधक सदस्य संदीप गिल्होत्रा, शशिकांत, आशीष पुपनेजा, 15 पंजाब रेजिमेंट के सूबेदार कुलदीप सिंह तथा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर नगर से 4 जाट रेजिमेंट के परिवारों के संबंधी नगेन्द्र व अक्षय तथा स्मारक की देखरेख करने वाले सतीश कुमार और अन्य ग्रामीण भी उपस्थित थे।
आज श्राद्ध के अवसर पर धर्म गुरु दीपक शर्मा की देखरेख में यजमान शशिकांत ने हवन यज्ञ किया। 4 जाट रेजिमेंट का श्रद्धांजलि गीत गाया गया। उल्लेखनीय है कि 1971 में भारत-पाक युद्ध में 4 जाट रेजिमेंट के फाजिल्का सैक्टर में शहीद 82 वीर सैनिकों का सामूहिक अंतिम संस्कार स्मारक के मुख्य गर्भगृह स्थल पर किया गया था और आज भी इस ‘जीवंत स्मारक’ में वीर शहीदों की अस्थियों के अंश संचित हैं।
श्राद्ध के अवसर पर बलिदानियों को शशिकांत द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत की गई तथा स्मारक प्रांगण में फाजिल्का में बलिदानी सैनिक जिन्हें फाजिल्का के लोग ‘फाजिल्का के रक्षक’ के रूप में मान्यता देते हैं, की स्मृति में निर्माणाधीन ‘वाल आफ रिमेंबरेंस’ तथा किए जा रहे जीर्णोद्धार की विस्तृत भी इस कार्य में पंजाब रेजिमेंट के सैनिक ‘कारसेवा’ कर रहे हैं।
हवन यज्ञ के उपरांत सैंकड़ों ग्रामीणों तथा बच्चों के बीच लंगर का वितरण किया गया। बुलंदशहर से आने वाले सेनिकों के पारिवारिक सदस्यों को शहीदों के पारिवारिक सदस्यों व सूबेदार कुलदीप सिंह को समाधि कमेटी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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