देहरादून । भारतीय सेना ने हिमालयी क्षेत्रों में सुरक्षा को मजबूत करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल अभियान (आई-हिमएक्स 2024)” का शुभारंभ किया है। इस अभियान की शुरुआत देहरादून के डीएसओआई से की गई, जिसमें सेंट्रल कमांड के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने हरी झंडी दिखाई।
12 दिनों का ऐतिहासिक सफर
यह 12 दिवसीय मोटरसाइकिल अभियान 1800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा, जो देहरादून से शुरू होकर हर्षिल, थागला पास, माना पास, लाप्थल, रिमखिम और जोशीमठ होते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास तक जाएगा। इस अभियान में 22 मोटरसाइकिलें शामिल हैं, जो गढ़वाल हिमालय के विभिन्न दर्रों को छुएंगी। यह अभियान गढ़वाल क्षेत्र में स्थित प्रमुख दर्रों तक पहुंचने वाला पहला अभियान बनने की संभावना है, जिससे सुरक्षा तंत्र को और मजबूत किया जा सकेगा।
सुरक्षा और पर्यटन को बढ़ावा
सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने इस अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य न केवल सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करना है, बल्कि गढ़वाल पहाड़ियों में रिवर्स माइग्रेशन और पर्यटन को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने सवारों को वीरता, बलिदान और देशभक्ति की कहानियां सुनाने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि पहाड़ी क्षेत्रों की आबादी के बीच देशप्रेम की भावना को और अधिक बल मिले।
सहभागियों से विशेष संवाद
हरी झंडी दिखाने से पहले, सेना कमांडर ने अभियान में शामिल सवारों के साथ संवाद किया और उन्हें इस साहसिक यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने टीम लीडर को अभियान ध्वज सौंपा और इस यात्रा के सफलतापूर्वक पूरा होने की कामना की।
रॉयल एनफील्ड और IOCL का समर्थन
इस ऐतिहासिक मोटरसाइकिल अभियान को रॉयल एनफील्ड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) का समर्थन प्राप्त है। कार्यक्रम में रॉयल एनफील्ड के सवारी और समुदाय प्रमुख रोहन जामवंत पिम्पले और उत्तर प्रदेश IOCL के कार्यकारी निदेशक और राज्य प्रमुख हेमंत राठौड़ भी उपस्थित रहे।
गढ़वाल की जनता से जुड़ाव
यह अभियान गढ़वाल हिमालय की सभी प्रमुख घाटियों से होकर गुजरेगा और हर पड़ाव पर स्थानीय जनता के साथ संवाद स्थापित करेगा। सवार यात्रा के दौरान वीरता और बलिदान की कहानियों को साझा करेंगे, जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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