वसूली करते नक्सली
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत छत्तीसगढ़

वसूली करते नक्सली

तेंदूपत्ता और महुआ वनवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण वनोपज है। माओवादी तेंदूपत्ता और महुआ संग्राहकों, ठेकेदारों और धान की खेती करने वाले किसानों से मोटी रकम वसूलते हैं

by राजीव रंजन प्रसाद
Oct 1, 2024, 07:15 am IST
in छत्तीसगढ़
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

छत्तीसगढ़ के वन प्रदेश में तेंदूपत्ता और महुआ वनवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण वनोपज है। माओवादी तेंदूपत्ता और महुआ संग्राहकों, ठेकेदारों और धान की खेती करने वाले किसानों से मोटी रकम वसूलते हैं। एक अनुमान के अनुसार, बस्तर संभाग में तेंदूपत्ता संग्रह कार्य से ही नक्सली सालाना 500 करोड़ रुपये की वसूली करते हैं। यही नहीं, वे विभिन्न सरकारी परियोजनाओं से जुड़े ठेकेदारों, परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोगों से भी धन उगाही करते हैं।

डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रह का कार्य ठेकेदारों से कराने की बजाय सीधे सरकार द्वारा कराने का निर्णय लिया था। इससे माओवादियों की कमाई बुरी तरह प्रभावित हुई थी। लेकिन माओवादियों ने सरकारी तेंदूपत्ता संग्रह केंद्रों में आग लगा दी। इससे सरकार को बड़ी आर्थिक क्षति हुई, तो प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। लेकिन आज परिस्थितियां पहले से बहुत अलग हैं।

तेंदूपत्ता संग्राहकों से : नक्सलियों द्वारा सबसे अधिक वसूली तेंदूपत्ता संग्रह से जुड़े लोगों एवं संगठनों से की जाती है। वसूली का गणित इस प्रकार समझिए। एक गांव में कम से कम 50 से लेकर अधिक से अधिक 200 घर होते हैं। गांव में तेंदूपत्ता संग्रह करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना 2 गड्डियां नक्सलियों को देना अनिवार्य है।

यदि गांव में 100 तेंदूपत्ता संग्राहक भी हैं, तो इस हिसाब से प्रतिदिन 200 गड्डियां माओवादी ले जाते हैं। 6 रुपये के हिसाब से प्रत्येक गड्डी की कीमत प्रतिदिन 1200 रुपये हुई। यदि महीने में 15 दिन भी तेंदूपत्ता तोड़ा जाता है, तो नक्सलियों की कुल उगाही 18,000 रुपये होती है। इसके अलावा, प्रत्येक गांव से सप्ताह के पहले दिन का मेहनताना भी माओवादियों को देना जरूरी है।

एक दिन में लगभग 5,000 से 8,000 गड्डियां तोड़ी जाती हैं, तो प्रति सप्ताह वसूली 30,000 से 48,000 रुपये हुई। इसके अलावा, गांव में तेंदूपत्ता रखने और सुखाने के लिए स्थान के लिए भी ठेकेदारों से 10,000 से 15,000 रुपये वसूले जाते हैं। अगर ठेकेदार नया हुआ तो उसे आय का आधा हिस्सा माओवादियों को देना पड़ता है।

इसी तरह, माओवादी हर फड़ (अस्थायी दुकान) से भी प्रति गड्डी 30 से 50 पैसे की उगाही करते हैं। अमूमन ठेकेदार तेंदूपत्ते की एक लाख से तीन लाख गड्डियां खरीदते हैं। इस हिसाब से प्रत्येक ठेकेदार माओवादियों को कम-से-कम 30,000 रुपये देता है। यानी प्रत्येक फड़ से नक्सली सालाना एक लाख से डेढ़ लाख रुपये की वसूली करते हैं।

आजकल प्रत्येक गांव के लोग मिलकर तेंदूपत्ता संग्रह करते हैं और आमदनी सभी परिवारों में बराबर बांटी जाती है। इसके लिए तेंदूपत्ता हितग्राही कार्ड बने हुए हैं। माओवादी प्रत्येक हितग्राही कार्ड पर 20 से 50 गड्डियां यानी 150 से 300 रुपये वसूलते हैं।

महुआ संग्रह से : महुआ भी छत्तीसगढ़ के वन प्रदेश से प्राप्त होने वाली एक महत्वपूर्ण वनोपज है। माओवादी महुआ संग्रह करने वाले ग्रामीणों से लेकर ठेकेदारों तक से भी तेंदूपत्ता जैसी वसूली करते हैं। मारे गए नक्सलियों के क्रियाकर्म के लिए प्रत्येक परिवार से एक पैली यानी लगभग 750 ग्राम महुआ वसूला जाता है। यदि कोई घायल नहीं मरता है तो यह महुआ उनके संगठन को चला जाता है।

धान किसानों से : छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल है-धान। नक्सली धान उगाने वाले प्रत्येक किसान से सालाना एक खण्डी या 20 काठा धान (सामान्य भाषा में लगभग 45 किलो) वसूलते हैं। यदि गांव में 100 घर हैं तो 4500 किलो धान सीधे-सीधे नक्सली ले लेते हैं।

निर्माण कार्यों के ठेकेदारों से : विभिन्न सरकारी परियोजनाओं, जैसे-सड़क निर्माण, अस्पताल निर्माण आदि से जुड़े ठेकेदारों से भी नक्सली एक तय रकम वसूलते हैं। यह सामान्यत: कुल निविदा राशि का 10 प्रतिशत होती है। उदाहरण के लिए, जगरगुण्डा में अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा था। इसकी लागत 3 करोड़ रुपये थी। नक्सलियों ने ठेकेदार से 30 लाख रुपये वसूले। इसी तरह, अली नामक एक ठेकेदार को सड़क निर्माण का ठेका मिला था, उससे भी 15 प्रतिशत की दर से उगाही की गई।

परिवहन क्षेत्र से : परिवहन उद्योग भी माओवादियों की उगाही से त्रस्त है। सामान्यत: बस संचालकों को प्रति बस सालाना 15 से 20 हजार रुपये नक्सलियों को देने पड़ते हैं। इसी तरह, ट्रैक्टर वालों से सालाना 10 हजार रुपये वसूले जाते हैं।

Topics: माओवादीMaoistsनक्सलवादडॉ. रमन सिंहमहुआ माओवादी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

CRPF Amit Shah Nimach

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान: 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का होगा जड़ से सफाया

Amit Shah Naxalites area decreased

देश में वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 6 हुई: अमित शाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नक्सलवाद में अनेक माताओं ने अपने लाडले खोए, अब छत्तीसगढ़ का नया भविष्य देख रहा हूं : प्रधानमंत्री मोदी

सुकमा में सुरक्षाबलों का बड़ा खुलासा : नक्सलियों के हथियार और विस्फोटक का जखीरा बरामद

Comparision between cancer and naxalism

उग्रवादियों और कैंसर को एक ही समझने की जरूरत

Bijapur Naxal encounter

BREAKING: छत्तीसगढ़: बीजापुर में सुरक्षाबलों ने CPI (M) से जुड़े 31 नक्सलियों को किया ढेर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies