नई दिल्ली । भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच केवल एक मुद्दा सुलझाया जाना बाकी है—पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्ज़ाए भारतीय क्षेत्र, अर्थात् पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके), को खाली करना चाहिए। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति असफल होगी और उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
जयशंकर ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवाद फैलाने की नीति अब खुद उसके समाज को निगल रही है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के कर्म अब उसके सामने आ रहे हैं और उसकी बुराइयां उसके अपने समाज को नुकसान पहुंचा रही हैं।” उन्होंने पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं हो सकती और पाकिस्तान को इसका मूल्य चुकाना पड़ेगा।
जयशंकर की यह टिप्पणी उस समय आई है जब 26 सितंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था। शरीफ ने अपने भाषण में अनुच्छेद 370 और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी का भी जिक्र किया था।
इस संदर्भ में जयशंकर ने कहा, “हमने कल इसी मंच से कुछ अजीबोगरीब बातें सुनीं। मैं यहां यह पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी। इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का दृढ़ता से विरोध किया जाना चाहिए।”
चीन की भूमिका पर निशाना
जयशंकर ने अपनी टिप्पणी में अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के मित्र चीन की ओर भी इशारा किया, जिसने बार-बार 1267 प्रतिबंध सूची में पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्तावों में बाधा डाली है। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र की ओर से वैश्विक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों में किसी भी प्रकार की राजनीतिक अड़चन नहीं आनी चाहिए।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह स्पष्ट संदेश चीन और पाकिस्तान को संयुक्त रूप से चेतावनी थी कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
भारत की स्थिर स्थिति
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत अपनी स्थिर और मजबूत स्थिति बनाए हुए है और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ हमेशा सख्त रहेगा। जयशंकर ने कहा, “कई देश ऐसे होते हैं जो अपने नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण पीछे रह जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान जैसे कुछ देश ऐसे होते हैं जो जानबूझकर विनाशकारी फैसले लेते हैं।”
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