कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में अयोध्या में आयोजित राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर भाजपा और उसकी नीतियों पर तीखा हमला किया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस धार्मिक और ऐतिहासिक आयोजन को भाजपा ने खास लोगों के लिए सीमित कर दिया, जिसमें अमीर उद्योगपति और मशहूर हस्तियों को बुलाया गया, लेकिन देश के किसान और मजदूरों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया।
राहुल गांधी ने हरियाणा के हिसार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “जब अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ, तो वहां आपको अंबानी, अडानी और अमिताभ बच्चन जैसे बड़े-बड़े उद्योगपति और अभिनेता नजर आए। लेकिन आप में से किसी ने भी वहां एक भी किसान या मजदूर को नहीं देखा होगा। नाच-गाना हो रहा था, मीडिया शोर मचा रहा था, लेकिन किसानों और मजदूरों की आवाज़ पूरी तरह गायब थी।”
राहुल गांधी ने इस आयोजन को ‘नृत्य और गीत’ का समारोह कहकर आलोचना की और इसे आम जनता, विशेष रूप से किसानों और मजदूरों की अनदेखी का प्रतीक बताया। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जब देश की सबसे बड़ी धार्मिक इमारत का उद्घाटन हो रहा था, तब उसमें शामिल होने के लिए उद्योगपतियों को बुलाया गया, लेकिन भारत की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों को नहीं बुलाया गया।
उन्होंने सवाल किया कि अगर राम मंदिर जैसी पवित्र जगह पर किसानों और मजदूरों के लिए जगह नहीं है, तो भाजपा की नीतियों में उनके लिए कहां जगह होगी? राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाते हुए यह भी कहा कि भाजपा की नीतियां केवल अमीरों और बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाली हैं, जबकि गरीब और मेहनतकश वर्ग की उपेक्षा की जा रही है।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने देश की आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राम मंदिर के अंदर प्रवेश करने से रोका, क्योंकि वह आदिवासी हैं। हालांकि, इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे झूठा और भ्रामक बताया।
राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस नेता के बयान को “नफरत भरा और हिंदू विरोधी” करार दिया। पूनावाला ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा, “उन्होंने कहा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में कोई गरीब या मजदूर नहीं था। पूनावाला ने पूछा, ‘उन्होंने कहा कि वहां कोई गरीब लोग या मजदूर नहीं थे! क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुष्प वर्षा के साथ कार्यकर्ताओं का स्वागत करते नहीं देख पाए?
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