नई दिल्ली । कार्य-जीवन संतुलन पर दुनिया भर में हो रही चर्चा के बीच, थाईलैंड में एक और दुखद घटना सामने आई है, जिसमें काम के बोझ के चलते एक 30 वर्षीय महिला की मृत्यु हो गई। महिला के प्रबंधक ने उसकी बीमार छुट्टी की मांग को अस्वीकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी तबीयत बिगड़ गई।
महिला, जिसका नाम मे था, थाईलैंड के सामुत प्राकन प्रांत में एक इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट में काम करती थी। उसने बीमारी के कारण 5 से 9 सितंबर तक छुट्टी ली थी, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार न होने के कारण उसने 11 सितंबर को दो दिन की और छुट्टी मांगी। 12 सितंबर को उसने फिर से प्रबंधक से छुट्टी की मांग की, लेकिन प्रबंधक ने उससे मेडिकल सर्टिफिकेट की मांग की, यह कहते हुए कि वह पहले ही कई छुट्टियाँ ले चुकी थी।
नौकरी से निकाले जाने के डर के कारण मे ने 13 सितंबर को काम पर जाने का निर्णय लिया। लेकिन कार्यालय पहुंचने के 20 मिनट बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ सर्जरी के बाद अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई।
महिला की मृत्यु के बाद कंपनी ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि मौत के कारण की जांच की जाएगी। डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स पीसीएल के सीईओ विक्टर चेंग ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, “हमारे लोग हमारी सफलता की नींव हैं। इस कठिन समय में हमारे प्राथमिकता कर्मचारी के परिवार को समर्थन प्रदान करना है।”
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि कार्य के दबाव का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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