उत्तराखंड

देहरादून रेलवे स्टेशन पर बवाल : हिन्दू से विवाह करने पहुंची मुस्लिम युवती, विरोध में पहुंचे मुस्लिमों ने की पत्थरबाजी

Published by
दिनेश मानसेरा

देहरादून । देहरादून रेलवे स्टेशन पर सोमवार को हिंदू और मुस्लिम संगठनों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जब एक हिंदू युवक और मुस्लिम लड़की के विवाह के प्रयास पर दोनों समुदायों के समर्थक आमने-सामने आ गए। यह विवाद तब शुरू हुआ जब बदायूं, उत्तर प्रदेश से मुस्लिम युवती अपने हिंदू प्रेमी के साथ विवाह करने देहरादून आई थी। इस बात की जानकारी मिलते ही रेलवे पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नाबालिग मुस्लिम लड़की के हिन्दू युवक से विवाह करने की बात स्थानीय मुस्लिमों को पता लगी तो वह बड़ी संख्या में स्टेशन पर पहुंच गए और हिन्दू युवक पर कार्रवाई करने का दबाव बनाने लगे। वहीं जब इस बात की सूचना हिन्दुत्त्वनिष्ठ संगठनों को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए और मुस्लिम पक्ष की मांग का विरोध करने लगे। इसके बाद मुस्लिम पक्ष के लोग उखड़ गए और पथराव करने लगे। जिसके जबाव में हिन्दू पक्ष ने भी अपने बचाव में प्रतिघात किया। देखते ही देखते इस विवाद ने उग्र रूप ले लिया और कुछ देर बाद स्थिति और गंभीर हो गई। इधर सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। स्टेशन पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

वहीं पुलिस ने नाबालिग लड़की को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया, जबकि युवक को सख्त हिदायत के साथ उसके परिवार को सौंप दिया। इस मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने केवल हिन्दुत्त्वनिष्ठ संगठन से जुड़े लोगों को हिरासत में लेना शुरू किया, जिसके विरोध में पलटन बाजार बंद हो गया। वहीं विश्व हिंदू परिषद के नेता विकास वर्मा की हिरासत के विरोध में बड़ी संख्या में हिंदू कार्यकर्ता और व्यापार मंडल के सदस्य सड़कों पर उतर आए। उन्होंने सड़क पर बैठकर धरना शुरू कर दिया जिसके चलते सड़क जाम होने लगी। वहीं पुलिस प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच लंबी बातचीत के बाद विकास वर्मा को रिहा कर दिया गया, जिसके बाद बाजार को फिर से खोल दिया गया।

वहीं इस मामले पर एसएसपी अजय कुमार ने जानकारी दी कि विकास वर्मा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। पूछताछ करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। हालाँकि पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी।

बताया जाता है हिन्दुत्त्वनिष्ठ नेताओं के खिलाफ एकतरफा कारवाई को भी धामी सरकार ने गंभीरता से लिया और पुलिस प्रशासन को संयम बरतने के दिशा निर्देश दिया है।

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