नई दिल्ली। ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के खिलाफ सख्त कार्रवाई का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र के दौरान आईबीएसए बैठक की गई। इसमें भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, ब्राज़ील के माउरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका के रोनाल्ड लामोला शामिल हुए।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
तीनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने और सीमा पार आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध सभी आतंकवादियों और संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की। मंत्रियों ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक संकट है, जिसके खिलाफ सभी देशों को मिलकर लड़ना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान
मंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र चार्टर और मानवाधिकार कानूनों का सम्मान करते हुए लड़ी जानी चाहिए। उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आव्हान किया।
संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता
जयशंकर, विएरा और लामोला ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को शीघ्र पारित कराने के लिए साझा प्रयासों का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वे आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को समाप्त करें और आतंकवादी गतिविधियों को रोकें। मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करते हुए कहा कि यह एक गंभीर वैश्विक समस्या है, जिसका समाधान मिलकर करना होगा।
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