नई दिल्ली । भारतीय रक्षा अनुसंधान एंव विकास संगठन ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर हल्की बुल्टप्रूफ जैकेट विकसित की है। यह जैकेट उच्चतम खतरे से निपटने में सक्षम है। साथ ही, 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती है। इस जैकेट का नाम ‘अभेद्य’ रखा गया है।
विदेशी जैकेट से वजन कम
यह जैकेट डीआरडीओ उद्योग अकादमिक उत्कृष्टता केन्द्र में तैयार की गई है। इस जैकेट के दो वर्जन तैयार होंगे। अभी भारतीय सैनिक साढ़े 10 किलोग्राम भारी बुलेटप्रुफ जैकेट का प्रयोग करते है। भारतीय बुलेटप्रूफ जैकेट का वजन विदेशी जैकेट से 2.5 किलोग्राम कम है।
क्या है जैकेट की विशेषताएँ?
मंत्रालय ने बताया कि इस जैकेट का वजन विभिन्न बीआईएस स्तरों के लिए 8.2 किलोग्राम और 9.2 किलोग्राम है। जो कि यह भारतीय सेनिकों को स्नाइपर गोलियों सहित अन्य हथियारों से सुरक्षा प्रदान करने में समर्थ है। मॉड्यूलर डिजाइन के साथ इसमें आगे और पीछे कवच है जो पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करते है। परीक्षण के तहत बीआईएस स्तर 6 की जैकेच एके 47 की आठ गोलियाँ झेलने में सफल रही।
इस उपलब्धि पर डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा, ‘ यह जैकेट डीआरडीओ, अकादमिक जगत और उद्योग जगत की ओर से सफल रक्षा आरएंडडी के प्रभावी इकोसिस्टम की उत्कृष्ट मिसाल है।’ इसके साथ, रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वह तीन उद्योगों को प्रोद्योगिकी हस्तांतरित करने को तैयार है।
ये भी पढ़े- लाल आतंक को बड़ा झटका : सुरक्षाबलों का सफल ऑपरेशन, हाई रैंक के नक्सली ढेर
ये भी पढ़े- प्राकृत साहित्य में राम और अयोध्या
टिप्पणियाँ