मथुरा। मुस्लिम हमलावर ने मथुरा स्थित श्रीराम मंदिर को बंद रखने की धमकी दी है। शेरखान नामक शख्स ने महंत पर जानलेवा हमला किया। मंदिर का गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश और ऐसा न होने पर ईंट-पत्थर बरसाए। पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। मंदिरों में तोड़फोड़, हमले की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी है। मथुरा मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हर तरह हिन्दू समाज में रोष नजर आ रहा है।
मथुरा के राया इलाके में स्थित मंदिर में हमले की घटना उस वक्त सामने आई, जब पुजारी अरुण चौधरी सुबह के वक्त परिसर में सफाई कार्य कर रहे थे। अचानक मुस्लिम समुदाय का शेर खान नाम के हमलावर ने उन पर ईंट-पत्थर बरसाना शुरू कर दिए। शेर खान धमकी दे रहा था कि मंदिर बंद नहीं किया गया तो उसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे। पुजारी अरुण ने विरोध किया तो वह हमलावर हो गया।
हमलावर शेरखान ने मंदिर का गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की मगर नाकाम रहा। वह देर तक गाली-गलौज कर मंदिर पर ईंट-पत्थर बरसाकर आतंक फैलाता रहा। शोरगुल सुनकर वहां तमाम लोग जमा हो गए, तो हमलावर ने उनको भी निशाना बनाने की कोशिश की। सूचना पर पुलिस पहुंची तो शेरखान ने दरोगा-सिपाहियों से भी बदसलूकी की और लगातार धमकियां देता रहा। घटना का पता होते ही हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी होने पर एसपी देहात मथुरा त्रिगुन विसेन ने आकर हिन्दू संगठनों को कार्रवाई का भरोसा देकर शांत किया। सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही और एक सुर में लोग मठ-मंदिरों पर हमले को सुनियोजित षड्यंत्र बताकर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
तेजी से कार्रवाई करते हुए पुलिस ने हमलावर शेरखान को गिरफ्तार अवश्य कर लिया है, लेकिन पूरे जिले में मंदिर पुजारी पर हमले की घटना से रोष है। हमलावर के मनोरोगी होने की बात कहे जाने पर स्थानीय लोग भरोसा नहीं कर रहे हैं और मामले के गंभीरता से जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं। पहला मौका नहीं है, जब यूपी सहित देश के दूसरे राज्यों में मठ-मंदिरों पर हमले की घटना सामने आई हो। कुछ ही दिन पहले इस्लामिक जुलूस के दौरान बरेली में मुस्लिम भीड़ ने शनि मठ में तोड़फोड़ की थी।
उससे पहले बरेली में मंडी परिसर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में उत्तराखंड के रहने वाले मुस्लिम शख्स ने तोड़फोड़ की घटना की थी, जिससे शहर के हालात तनावपूर्ण हो गए थे। इसी साल कर्नाटक के शिवमोगा में प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में घुसकर बुर्काधारी महिला ने इस्लामिक नारे लगाए थे। पिछले साल यूपी के उन्नाव जिले में मुस्लिम समुदाय के जावेद ने महादेव मंदिर में हमलाकर कई श्रृद्धालुओं को घायल कर दिया था। इसी तरह उत्तराखंड के एक मंदिर में सद्दाम नामक मुस्लिम शख्स ने गंदगी कर हिन्दुओं की भावनाएं आहत की थीं। यह तो कुछ उदाहरण है, वरना शायद ही ऐसा कोई दिन जाता है, जब देश में कट्टरपंथी और जिहादी प्रवृत्ति के लोग हिन्दू आस्था केन्द्रों को निशाना बनाने की कोशिश न करते हों !
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