वीडियो में तारिक कहता है, ‘वह शख्स (पैगंबर) जो कुरान सामने रख रहा है, उसने खुद एक शब्द भी उसमें नहीं लिखा है, उसने सब दूसरों से लिखवाया है।’ तारिक कहता है कि ‘जब पैगंबर को कुरान की आयतें नाजिल होती थीं तो वे अपने सहाबियों को बुलाकर उनसे लिखने को कहते थे।’ यानी तारिक ने कहा कि ‘पैगम्बर ने कुरान खुद नहीं लिखी बल्कि यह दूसरों की मदद से लिखी गई। खुद पैगंबर ने एक अक्षर भी उसमें नहीं लिखा है।’
पाकिस्तान में एक कट्टरपंथी मौलाना है तारिक मसूद, जो ईशनिंदा करने वाले को सजाए मौत दिए जाने की बड़ी वकालत करता रहा है। लेकिन अब इसी ‘अपराध’ के लिए उसकी जिंदगी पर तलवार लटक रही है।
मौलाना तारिक कुरान पर बोलते बोलते झोंक में पैगंबर पर जाने क्या क्या बोल गया कि अब वह सफाइयां देता फिर रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मजहबी उन्मादी उसे जान से मारने की मांग कर रहे हैं। यानी उसकी तकरीर अब उसी की जिंदगी लेने पर तुली है। मौलाना ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि कभी वह भी ‘ईशनिंदा’ कर बैठेगा और उसी के भड़काए कट्टरपंथी लोग उसकी जान लेने पर उतारू हो जाएंगे।
मौलाना सच में घिर गया है। उस पर कट्टरपंथियों ने कुरान तथा पैगंबर की तौहीन के आरोप लगाए हैं। अब हालत यह है कि वह लोगों से छुपता फिर रहा है, जान बख्शने को गिड़गिड़ा रहा है। हुआ यूं कि इसी मौलाना मसूद का कोई वीडियो सोशल मीडिया पर घूम रहा है। इस वीडियो में वह तकरीर करते करते सवाल खड़ा करता है कि मुसलमानों को पढ़ना नहीं आता तो फिर वे ‘नबी’ (पैगंबर) को मानते क्यों हैं!’
यही नहीं, मौलाना आगे बोलता गया कि कुरान में भी खामी दिखा दी! वीडियो में तारिक कहता है, ‘वह शख्स (पैगंबर) जो कुरान सामने रख रहा है, उसने खुद एक शब्द भी उसमें नहीं लिखा है, उसने सब दूसरों से लिखवाया है।’ तारिक कहता है कि ‘जब पैगंबर को कुरान की आयतें नाजिल होती थीं तो वे अपने सहाबियों को बुलाकर उनसे लिखने को कहते थे।’ यानी तारिक ने कहा कि पैगम्बर ने कुरान खुद नहीं लिखी बल्कि यह दूसरों की मदद से लिखी गई। खुद पैगंबर ने एक अक्षर भी उसमें नहीं लिखा है।
तारिक ने यह भी कहा कि ‘मोहम्मद साहब को खुद लिखना-पढ़ना नहीं आता था, इसलिए किसी और से लिखवाया करते थे। अब उन दूसरे लोगों ने, जिन्होंने इसे लिखा है उन्होंने ग्रामर में चूक कर दी। पर हमारे नबी ने उसे ठीक कराया ही नहीं, क्योंकि वह जान ही नहीं पाए कि ग्रामर की गलती हुई कहां पर है। इसलिए अब तक वह सब वैसा ही लिखा है।’ जोश ही जोश में मौलाना ने लगे हाथ कुरान की कुछ आयतें पढ़नी शुरू कर दीं, और उन ‘गलतियों’ का उल्लेख भी किया।
लेकिन मौलाना जानता नहीं था कि इस वीडियो से ऐसी आग लग जाएगी कि बुझाना मुश्किल हो जाएगा। तारिक के इस वीडियो के दिखने के बाद तो अब उसके ही मुल्क पाकिस्तान में लोग उसके विरोध में उतर आए हैं। उन्मादी किस्म के लोगों का मौलाना के कहे को पैगंबर तथा कुरान की तौहीन बताना ही था। कट्टरपंथी मौलाना को सूली टांगने की मांग करने लगे, क्योंकि उसने ‘ईशनिंदा’ की बात की थी। कहां तो यह मौलाना ईशनिंदा करने के अपराधी को तत्काल जाने से खत्म करने की पैरवी करता रहा है अब वह उसी का दोषी ठहराया गया है।
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