Sanatan Hindu Board: मंगलवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर बाबा) ने एक बार फिर चर्चा का केंद्र बने, जब उन्होंने भारत सरकार से सनातन हिंदू बोर्ड के गठन की मांग की।उनके बयान से मौलानाओं में खलबली मच गई है। उन्होंने अपने समर्थकों के सामने सवाल उठाया कि जब देश में वक्फ बोर्ड हो सकता है, तो हिंदू समाज के लिए एक समर्पित बोर्ड क्यों नहीं हो सकता? यह बयान देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
हिंदू बोर्ड की मांग क्यों?
छतरपुर, मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू समाज के लिए एक संगठनात्मक ढांचे की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि “हिंदू समाज के खिलाफ षड्यंत्र और छल-कपट करने वाली ताकतों पर रोक लगाई जानी चाहिए। बागेश्वर बाबा ने कहा कि वक्फ बोर्ड की तर्ज पर हिंदू समाज के लिए भी ऐसा बोर्ड होना चाहिए, जो उनके धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा कर सके।
बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा, “हिंदू समाज की सहिष्णुता अब कमजोर हो रही है, और हमें अपनी सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए संगठित होने की जरूरत है।”
बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जैन बोर्ड पर चर्चा की है। ऐसे में जब देश में वक्फ बोर्ड का गठन हो सकता है, तो सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए हिंदू बोर्ड क्यों नहीं बन सकता? बाबा ने इस मुद्दे को उठाते हुए भारत सरकार से सवाल किया और हिंदू समाज के लिए एक मंच की जरूरत पर जोर दिया।
एनसीईआरटी की पुस्तक पर बागेश्वर बाबा का विरोध
यह पहली बार नहीं है जब बागेश्वर बाबा ने किसी मुद्दे को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है। इससे पहले, उन्होंने मध्य प्रदेश में एनसीईआरटी की कक्षा 3 की पर्यावरण पुस्तक के ‘चिट्ठी आई है’ अध्याय को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। बाबा का दावा था कि इस अध्याय के माध्यम से लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, और उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदू बेटियों को प्रायोजित तरीके से लव जिहाद में फंसाया जा रहा है।
बाबा के इस बयान के बाद से यह मुद्दा और गरमा गया है, और कई अभिभावकों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है। खजुराहो निवासी डॉक्टर राघव पाठक ने इस मुद्दे पर प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ चुका है।
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