गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र के सेवानगर में चल रही प्रार्थना सभा की आड़ में हो रहे धर्मांतरण का बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियां अब सक्रिय हो गई हैं और विदेशी फंडिंग की संभावनाओं को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, ईसाई मिशनरी लोगों को बीमारी के इलाज, शादी और पैसों का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे थे।
कैसे हुआ धर्मांतरण?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन्ग्राहम शिक्षण संस्थान के पीटीआई जेराल्ड मैथ्यूज मैसी और उसके साथी गरीब और जरूरतमंद लोगों को बीमारी का इलाज, शादी और नौकरी के झूठे वादों में फंसा रहे थे। इन वादों के बाद, उन्हें प्रार्थना सभाओं में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाता था। धीरे-धीरे, इन लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि इन प्रार्थना सभाओं के माध्यम से लोगों को उनकी आवश्यकताओं के हिसाब से आर्थिक मदद भी दी जा रही थी।
बजरंग दल का आरोप
बजरंग दल धर्म जागरण प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक नवीन सिंह का आरोप है कि धर्मांतरण का यह गिरोह न केवल गाजियाबाद, बल्कि आसपास के जिलों में भी सक्रिय है। उनका दावा है कि अब तक हजारों लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा चुका है। नंदग्राम थाना क्षेत्र के 11 परिवारों का धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। इसके अलावा, संजय नगर सेक्टर-23 के एक परिवार के धर्मांतरण का भी खुलासा हुआ है।
पुलिस की जांच और सामग्री की जब्ती
पुलिस ने घर से ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तकें और प्रचार सामग्री बरामद की है, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि धर्मांतरण का काम बड़े पैमाने पर चल रहा था। इस बीच, पुलिस विदेशी फंडिंग की जांच भी कर रही है। ग्राहम एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और जेराल्ड मैथ्यूज मैसी के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस धर्मांतरण के पीछे कोई विदेशी फंडिंग तो नहीं है।
इन्ग्राहम शिक्षण संस्थान के पीटीआई जेराल्ड मैथ्यूज मैसी के पकड़े जाने की खबर फैलते ही नंदग्राम थाने पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। विरोध करने वाले लोगों ने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि धर्मांतरण की बातें निराधार हैं। लेकिन बजरंग दल के नवीन सिंह का कहना है कि ये सभी वही लोग हैं जिनका पहले से धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा का कहना है कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
अन्य धर्मांतरण के मामले
यह घटना कोई पहली नहीं है। करीब एक साल पहले करहेड़ा में भी इसी प्रकार के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था, जहां 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। उसी तरह, मोदीनगर के शाहजहांपुर गांव में जुलाई 2022 में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का खुलासा हुआ था। पुलिस ने इस मामले में महेंद्र और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जो एक ईसाई मिशनरी संगठन चला रहे थे।
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