चीन के अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ा झटका तब लगा, जब परीक्षण के दौरान डीप ब्लू एयरोस्पेस की नेबुला-1 रॉकेट लैंडिंग के वक्त फट गई। यह घटना चीन के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि चीन अंतरिक्ष में कॉमर्शियल स्पेसफ्लाइट के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। यह परीक्षण देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और डीप ब्लू एयरोस्पेस जैसी कंपनियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, जो पुनः उपयोग होने वाली रॉकेट तकनीक पर काम कर रही हैं। हालाँकि इस विस्फोट के बावजूद कंपनी ने अपने मिशन के 11 में से 10 लक्ष्य पूरे करने का दावा किया है।
क्या हुआ था परीक्षण के दौरान?
नेबुला-1 नामक यह रॉकेट एक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग परीक्षण से गुजर रहा था। रॉकेट ने अपनी उड़ान क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए सफलतापूर्वक निर्धारित ऊंचाई तक पहुंच गया, लेकिन लैंडिंग के दौरान इसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसका परिणाम यह हुआ कि रॉकेट लैंडिंग के समय फट गया। इस दुर्घटना के बावजूद, कंपनी का दावा है कि उनका मिशन लगभग सफल रहा और यह असफलता केवल अंतिम चरण में आई।
डीप ब्लू एयरोस्पेस ने परीक्षण उड़ान के ड्रोन फुटेज जारी किए, जिसमें रॉकेट की उड़ान और लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया दिखाई गई है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रॉकेट ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी और तय ऊंचाई पर पहुंचा। हालांकि, लैंडिंग प्रक्रिया के दौरान कुछसमस्याएं आईं, जिसके कारण यह सफलतापूर्वक नीचे नहीं आ पाया और अंततः विस्फोट हो गया।
डीप ब्लू एयरोस्पेस का मानना है कि इस असफलता के बावजूद उनके अधिकांश मिशन लक्ष्य पूरे हो गए हैं। अब कंपनी इस घटना से प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लैंडिंग के समय रॉकेट में विस्फोट कैसे हुआ। कंपनी इस विफलता को सुधारने के प्रयास में है, ताकि भविष्य के मिशन और अधिक सफल हो सकें।
यह घटना चीन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह तेजी से बढ़ते हुए अंतरिक्ष उद्योग में अपनी छवि को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। डीप ब्लू एयरोस्पेस जैसी कंपनियां, जो पुनः उपयोग होने वाले रॉकेटों पर काम कर रही हैं, चीन के अंतरिक्ष उद्योग के भविष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हालाँकि इस परीक्षण में विस्फोट हो गया, लेकिन कंपनी के पास भविष्य के लिए सुधार करने और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अधिक नवाचार करने का मौका है।
नेबुला-1 रॉकेट के इस परीक्षण को एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि कंपनी चीन में कॉमर्शियल स्पेसफ्लाइट और पुनः उपयोग होने वाली रॉकेट तकनीक को विकसित करने की दिशा में अग्रसर है। डीप ब्लू एयरोस्पेस का लक्ष्य चीन को इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
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