हल्द्वानी । हल्द्वानी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्तर के चिड़ियाघर की फाइल, जो पिछले 9 सालों से अटकी हुई थी, अब एक बार फिर से सक्रिय हो गई है। गौलापार क्षेत्र में वन विभाग की 412 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाले इस जू को लेकर बड़ी उम्मीदें जगी हैं। चिड़ियाघर के निर्माण में आ रही अड़चनों को देखते हुए सेंट्रल जू अथॉरिटी ने अब मंजूरी दे दी है।
चिड़ियाघर के डायरेक्टर, डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया कि शासन से स्वीकृति मिलने के बाद हल्द्वानी जू के निर्माण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया था, जिसे सेंट्रल जू अथॉरिटी को भेजा गया। वहां से अब निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही जू निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, जू की बाउंड्री का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस जमीन को लेकर कई वर्षों से संशय की स्थिति बनी हुई थी। अब प्रोजेक्ट की Detailed Project Report (डीपीआर) तैयार करने के लिए एक कंपनी को नामित किया गया है।
गौलापार में तराई पूर्वी वन प्रभाग की 412 हेक्टेयर जमीन पर नौ साल पहले चिड़ियाघर का शिलान्यास हुआ था। शुरुआत में काम तेजी से चला, लेकिन बाद में रफ्तार थम गई। साल 2021 में प्रोजेक्ट को और बड़ा झटका लगा, जब केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि वन विभाग की जमीन जू के नाम अभी नहीं हुई है।
डायरेक्टर डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने जानकारी दी कि केंद्र और राज्य सरकार से प्रस्तावित जू निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। जू के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए एक निजी कंपनी को अधिकृत किया गया है, जो इसे शासन को उपलब्ध कराएगी। बजट मिलते ही जू का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इस मेगा प्रोजेक्ट में न केवल सफारी, बल्कि वाइल्डलाइफ के लिए बाड़े और वन्य जीव अस्पताल भी तैयार किए जाएंगे। बायो डायवर्सिटी पार्क, बाघों-तेंदुओं के लिए बाड़ा, पक्षियों के ब्रीडिंग सेंटर और मानव-वन्यजीव संघर्ष में घायल वन्य जीवों को रेस्क्यू कर रखने की योजना है। उम्मीद जताई जा रही है कि जू का निर्माण जल्द ही शुरू हो सकेगा।
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