आंध्र प्रदेश के तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रसादम में पशुओं की चर्बी और मछली के तेल की मौजूदगी को लेकर विवाद के बीच अब राजस्थान की भजन लाल शर्मा सरकार ने भी मंदिरों के प्रसाद को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राजस्थान के खाद्य सुरक्षा विभाग ने तय किया है कि 23 से 26 सितंबर तक एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत प्रदेशभर के मंदिरों में दिए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता की जांच की जाएगी।
इस बात की जानकारी देते हुए राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। खाद्य विभाग ने घोषणा की कि यह निरीक्षण सीएम भजन लाल शर्मा द्वारा शुरू की गई पहल ‘शुद्ध बोजन, मिलावट के विरुद्ध युद्ध’ अभियान के तहत किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान सरकार के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य सभी प्रमुख मंदिरों में खाद्य पदार्थों, प्रसादों की गुणवत्ता और धार्मिक प्रसाद के रूप में रोजाना भोजन तैयार किया जाता है।
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तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद के बाद राजस्थान के 54 मंदिरों ने ‘भोग प्रमाण पत्र’ के लिए आवेदन किया है। ये प्रसाद की शुद्धता पर मुहर है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 14 धार्मिक स्थलों के पास यह प्रमाण पत्र है, जिसका प्रत्येक 6 माह में ऑडिट किया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के लड्डू से जुड़े विवाद को लेकर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे आंध्र प्रदेश सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए कहा था कि यह हिन्दू आस्था और विश्वास पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री ने भी पिछले चार वर्षों में तिरुपति लड्डू के लिए घी सप्लाई करने वाले सप्लायर्स की भी गहन जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अब किसी भी प्रकार की गोपनीयता नहीं रही, पूरी सच्चाई को सामने लाने का वक्त आ गया है।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ ऐसा है कि हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने एक बयान दिया था कि पूर्व की जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद बनाने के लिए शुद्ध की जगह पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। इस बात का आरोप लगाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली सरकार के दौरान तिरुमला लड्डू की गुणवत्ता बहुत ही घटिया हो गई थी। वो पूरी तरह से अपवित्र हो गया था।
वो मंगलागिरी में आयोजित एनडीए की बैठक में जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी की मौजूदगी में बोल रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि YSRCP सरकार के दौरान तिरुमाला में न केवल भक्तों को अन्न प्रसादम के रूप में घटिया भोजन दिया, बल्कि भगवान वेंकटेश्वर को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को बनाने के लिए घटिया गुणवत्ता वाली सामग्री का भी इस्तेमाल किया जाता है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि, अब प्रसादम और भोजन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और इसे बेहतर बनाने के लिए कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें कि हर दिन तिरुमला पहाड़ी में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए दुनियाभर से प्रतिदिन लाखों तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं। नायडू ने कहा कि तिरुमला और भगवान वेंकटेश्वर की पवित्रता की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। भगवान वेंकटेश्वर आंध्र प्रदेश के गौरव हैं , उन्हीं के दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग प्रदेश भर में आते हैं।
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