हरिद्वार। मंगलौर उपचुनाव के दौरान प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर ज्वालापुर इंटर कॉलेज के पास बनाई जा रही मस्जिद के बड़े गेट को मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने खुद ही आज गिरा दिया। उल्लेखनीय है कि इसी तरह का निर्माण हिमाचल में भी हुए किंतु जनाक्रोश के चलते कमेटी के लोगो ने खुद ही अवैध निर्माण को ही गिरा दिया था।
बताया जा रहा है कि अवैध निर्माण के बाद इंतजामिया कमेटी इसे वक्फ बोर्ड में ले गई थी, जहां आज 21 सितंबर को तारीख थी जो कि आगे बढ़कर 28 सितंबर की हो गई। तीर्थ नगरी में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों और साधु-संतों का भारी विरोध होने लगा था और वे इसके खिलाफ बड़े प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार कर चुके थे। इस मामले में प्रशासन को खुफिया जानकारी भी मिली थी कि यहां मस्जिद निर्माण से हिंदू संगठनों, अखाड़ों में तीखी प्रतिक्रिया है।
धार्मिक स्थलों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में सभी राज्यों को ये निर्देशित किया था कि कोई भी नया धार्मिक स्थल बिना जिला अधिकारी की अनुमति से नहीं बनेगा। इसके लिए राज्यों के हाई कोर्ट को नोडल संस्था बनाया गया था। बावजूद इसके गंगा तीर्थ नगरी हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में एक मस्जिद का निर्माण का काम शुरू हो गया था। पूर्व में हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने इस पर रोक लगाते हुए भवन को सील कर दिया था। लेकिन उपचुनाव के दौरान व्यस्त प्रशासनिक अधिकारियों की नजरों से बचते हुए उक्त मस्जिद का निर्माण कार्य तेजी से हुआ और बाहर आलीशान गेट भी तैयार कर लिया गया।
हिंदू संगठनों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसकी शिकायत शासन तक पहुंची थी। प्राधिकरण ने आनन-फानन में निर्माण करने वाली मस्जिद कमेटी को नोटिस दिया, जिसके बाद कमेटी सदस्य वक्फ बोर्ड में जा पहुंचे। बताया जाता है कि बोर्ड में तिथि लगने के बावजूद कमेटी ने आज इस गेट को खुद ही गिरा दिया। हरिद्वार जिला प्रशासन ने बीते कल लक्सर में भी अवैध रूप से बन रही एक और मस्जिद की दीवारों को गिरा दिया था।इस मामले में हिंदू जागरण मंच ने कड़ा विरोध जाहिर किया था।
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